नैनो तरल यूरिया से खेती को दें बढ़ावा, डीसी कैप्टन मनोज कुमार का किसानों से आह्वान, फसल की गुणवत्ता बढ़ाएं

By: Oct 30th, 2023 12:06 am

निजी संवाददाता — यमुनानगर

डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने किसानों से आह्वान किया कि वे अपनी फसलों में दानेदार यूरिया की जगह नैनो तरल यूरिया का प्रयोग करें और फसलों की पैदावार बढ़ाएं। नैनो तरल यूरिया आधा लीटर की शीशी में खाद की एक बोरी यूरिया से कहीं ज्यादा असरदार है। विशेषज्ञों के मुताबिक नैनो तरल यूरिया से न सिर्फ उत्पादन बढ़ता है बल्कि फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। नैनो तरल यूरिया, दानेदार यूरिया से सस्ती भी है। नैनो तरल यूरिया उपज की गुणवत्ता बढ़ाने का एक साधन है। साथ ही इससे खेती की लागत में भी कमी आती है। फसलों में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए किसान यूरिया का इस्तेमाल करते हैं लेकिन अभी तक यूरिया सफेद दानों के रूप में उपलब्ध थी जिसका इस्तेमाल करने पर आधे से भी कम हिस्सा पौधों को मिलता था बाकी जमीन और हवा में चला जाता था।

उपायुक्त ने बताया कि भारत नैनो तरल यूरिया को लांच करने वाला पहला देश है। इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को.आपरेटिव लिमिटेड इफको ने इसे लांच किया था। इफको के मुताबिक धान, आलू, गन्ना, गेहूं और सब्जियों समेत सभी फसलों में इसके बेहद अच्छे परिणाम मिले हैं। विशेषज्ञों के अनुसार नैनो तरल यूरिया के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा है कि धानए गेहूंए तिलहन और सब्जियां जो भी उगाई जाती हैं उनकी क्वालिटी बढ़ती है। आधा लीटर यूरिया की शीशी पूरे एक एकड़ खेत के लिए काफी है। साथ में इसका प्रयोग करने से पर्यावरणए जल और मिट्टी में जो प्रदूषण हो रहा है वो नहीं होगा। नैनो तरल यूरिया का उपयोग हम फसल की पत्तियों पर छिडकाव के माध्यम से करते हैं। छिडकाव के लिए एक लीटर पानी में 2 से 4 मिलीलीटर नैनो यूरिया मिलाना होता है। यानि जो 15 लीटर की टंकी होती है फसल की जरुरत के अनुसार 30 से 60 मिलीलीटर मिलाना होता है। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि एक फसल में दो बार नैनो यूरिया का छिडकाव करना चाहिए।


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