राजकीय टीजीटी कला संघ की शिक्षा विभाग से मांग, प्रमोशन को शिक्षकों से बार-बार न मांगे ACR

By: Nov 30th, 2023 8:48 pm

कहा, प्रमोशन व कनफर्मेशन को विभाग खुद जांचे एसीआर

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

प्रदेश के उच्चतर और प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रमोशन और कनफर्मेशन के लिए शिक्षकों से एसीआर मांगी जा रही है। वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट को ही एसीआर कहा जाता है। राजकीय टीजीटी कला संघ ने शिक्षा विभाग से शिक्षकों से बार-बार न मांगने की मांग की है। यह रिपोर्ट शिक्षक अपने प्रिंसिपल के माध्यम से उप निदेशक शिक्षा को भजेते हैं। यह रिपोर्ट शैक्षणिक सत्र पूर्ण होने के बाद ही शिक्षक भरते हैं जिसको स्कूल मुखिया चैक करते हुए प्रिंसिपल के माध्यम से आगे भेजते हैं। डीडीओ शक्ति धारक मुखिया स्कूली शिक्षकों की इस गोपनीय रिपोर्ट पर अपनी टिप्पणी देते हैं और ये टिप्पणियां शिक्षकों से सांझा नहीं की जाती है। फिर उनको प्रारंभिक या उच्च शिक्षा उप -निदेशक के हस्ताक्षर हेतु भेजा जाता है। इनकी कोई प्रति वापिस शिक्षकों के पास नहीं आती। मगर जब प्रमोशन और कनफर्मेशन के मामले भेजने के लिए निर्देश जारी किए जाते हैं तो शिक्षकों को पिछले तीन साल की एसीआर देने हेतु आदेश दिए जाते हैं। जब यह रिकॉर्ड उनके पास होता नहीं है तो फिर यह रिकॉर्ड वे कहां से जमा करें। जिन शिक्षकों के तबादले हो चुके हों, उनके पिछले स्कूल जाकर उस समय के प्रिंसिपल से या कार्यरत प्रिंसिपल से यह एसीआर हस्ताक्षरित करवाने हेतु अपील करनी पड़ती है। अधिकांश प्रिंसिपल इसमें आनाकानी करते हैं, क्योंकि उक्त शिक्षक ने उनके कार्यकाल में सर्विस उनके अधीन नहीं की होती है और परीक्षा परिणाम के अलावा भरे जाने वाले कॉलम में संस्तुति क्या की जाए, यह उनके लिए भी जटिल निर्णय होता है।

ऐसे में शिक्षकों से यह एसीआर मांगने की बजाय एसीआर के जिला या राज्य इंचार्ज से यह डाटा लिया जाए। राजकीय टीजीटी कला संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, प्रदेश संरक्षक रविंद्र गुलेरिया, महासचिव विजय हीर, प्रदेश स्टेट डेलीगेट्स संजय ठाकुर, दुनी चंद, सोहन सिंगटा, सुरेश कुमार, रणवीर तोमर, सागर चंदेल, संजय वर्मा, विजेश अत्री, विजय बरवाल, सुभाष भारती, राकेश चौधरी, पवन धीमान, कुलबीर सिंह, रिग्जिन संदप, यशपाल सिंह, जरनैल सिंह, रामकृष्ण, मोहिंद्र ठाकुर, रमेश अत्री, अमित छाबड़ा ने प्रदेश शिक्षा विभाग से की है। संघ ने कहा कि ऑनलाइन एसीआर की व्यवस्था को हाल ही में लागू किया गया है।

अगर इस पर तीन साल का डाटा अपडेट कर दिया जाए और शिक्षकों को इस रिकॉर्ड का ऑनलाइन प्रिंट देने के निर्देश दिए जाएं तो वे अपने ई – सर्विस बुक रिकॉर्ड से विभाग को एसीआर का प्रिंट दे सकेंगे और उनको विभिन्न स्कूलों में इसके लिए दौड़-भाग नहीं करनी पड़ेगी। राजकीय टीजीटी कला संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि ऑनलाइन एसीआर की व्यवस्था को सुचारू किया जाए और पोर्टल पर पिछले तीन साल की एसीआर अपडेट करने के निर्देश सभी स्कूल प्रधानाचार्यों को दिए जाएं, ताकि एसीआर के लिए पिछले स्कूलों में जाने के लिए शिक्षकों को विवश नहीं होना पड़े। राजकीय टीजीटी कला संघ ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि शिक्षा विभाग में हिमदर्पण एकीकृत पोर्टल शीघ्र शुरू किया जाए, ताकि सारी सूचनाएं एक जगह से मिल सकें।

-अमन वर्मा


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