हरियाणा से सीख ले पंजाब, मनोहर लाल ने पराली जलाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का किया स्वागत
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार के प्रयासों पर मुहर लगाने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी का स्वागत किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पराली से संबंधित वित्तीय प्रोत्साहन देने के तरीके के लिए पंजाब को हरियाणा से सीख लेनी की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि वास्तव में पराली के मामले में दोषी कौन है। मुख्यमंत्री ने इस कठिन कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अपने किसान भाइयों को धन्यवाद किया। हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लिया है और किसानों के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में काफी सफलता पाई है। मनोहर लाल ने कहा कि प्रदूषण एक ऐसा मुद्दा है जो स्वास्थ्य से संबंधित है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस समस्या के समाधान के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है, लेकिन दुख की बात है कुछ राजनीतिक दल और पड़ोसी राज्यों की सरकारें इस पर राजनीति कर रही हैं।
पिछले दिनों प्रदूषण के कारण ऐसे हालात हो गए कि कुछ स्थानों पर स्कूल बंद करने पड़े। इसलिए फिर से ऐसे हालात पैदा ना हो इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। पराली जलाने पर अंकुश लगाने और आग की घटनाओं को सक्रिय रूप से कम करने के सरकार द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों से पिछले वर्षों की तुलना में हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार कमी आई है, जबकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में हरियाणा में पराली जलाने की 5993 घटनाएं सामने आईं जबकि 2022 में यह घटकर 3233 हो गईं। वहीं वर्ष 2023 में पराली जलाने की घटनाएं घटकर 1986 हो गईं। इस तरह वर्ष 2022 से 2023 के बीच हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 39 प्रतिशत की कमी आई है। हरियाणा की तुलना में पंजाब में वर्ष 2023 में पराली जलाने की 31932 घटनाएं सामने आई हैं।