परोपकार सबसे बड़ा धर्म…
ऋग्वेद ने हमें समझाया है कि जो ईश्वर की आराधना के साथ-साथ पुरुषार्थ करते हैं, उनके दु:ख और दारिद्रय दूर होते हैं और ऐश्वर्य बढ़ता है। हमारी सभ्यता और संस्कृति ने हमें परोपकार की शिक्षा दी है। एक हिंदी फिल्म का गाना है ‘अपने लिये जिये तो क्या जिये, ऐ दिल तू जी ज़माने के लिये।’ प्राणी जगत में मात्र एक इनसान ही है जो अपनी बुद्धि का प्रयोग कर सकता है।
पशु प्रवृत्ति होती है अकेले चरने की। इनसान तो अपनी नेक कमाई से जरूरतमंदों की मदद करता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें यह प्रावधान किया गया कि हर वर्ष 05 दिसंबर को इंटरनेशनल वॉलंटियर डे मनाया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज की समस्याओं का समाधान निकालने में जनभागीदारी को बढ़ाना है। हमें इस दिवस पर परोपकार का संकल्प लेना चाहिए।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App