अपने सपने बड़े करो

By: Dec 21st, 2023 12:06 am

संतुलित डर और आत्मविश्वास का मेल आपकी सफलता को सुनिश्चित करता है, क्योंकि वह आपके इरादे को पक्का करता है और आरंभिक छोटी-बड़ी कठिनाइयों और असफलताओं से घबराए बिना आगे चलने की प्रेरणा देता है। यही हमारी सफलता का राज है। इसीलिए मैं दोहरा कर कहता हूं कि सफलता का सबसे बड़ा कारक है पक्का इरादा और विपरीत स्थितियों में भी अपना सपना सच करने की लगन। तो आइए, सपने देखें, बड़े सपने देखें और सफल होकर दिखाएं…

जीवन में हर व्यक्ति सफल होना चाहता है। जो कदरन कम सफल है, वह सफलता के सपने देखता है, अमीरी के सपने देखता है, खुशियों से भरपूर जीवन के सपने देखता है। सपनों से प्रेरणा मिलती है और आदमी कुछ कर दिखाता है। सपने देखना अच्छी बात है, कल्पनाशील होना अच्छी बात है, आगे बढऩे की तमन्ना रखना अच्छी बात है। जानवर ताकतवर होते हैं, पर वे आगे बढऩे के सपने नहीं देखते, उनकी सारी जद्दोजहद खुद को बचाए रखने और भूख लगने पर भोजन की प्राप्ति तक सीमित है। हम अपनी कल्पना के कारण शेर को जंगल का राजा कहते हैं, वरना किसी शेर के मन में कभी इच्छा नहीं हुई कि वह पूरे जंगल पर राज करे। जबकि मनुष्य आगे बढऩे के सपने देखता है और उसके लिए जुगत भिड़ाता है। मानव जीवन की यही खासियत उसे अन्य सभी जीवों से अलग करती है। अक्सर हम इस बात से चिंतित होते हैं कि हममें आवश्यक गुण नहीं जो हमें आगे बढऩे में सहायक हों, मसलन, शिक्षा की कमी, संपर्कों की कमी, धन की कमी, व्यवहार-कुशलता की कमी, हमारी सफलता की राह में रोड़े बनते हैं। परंतु इतिहास ने सिद्ध किया है कि ये सभी गुण महत्वपूर्ण हैं और सफलता में सहायक होते हैं, लेकिन इनकी कमी कोई ऐसी बड़ी कमी नहीं है जो हमें सचमुच सफलता से वंचित रख सके।

कम शिक्षित लोग अपने दम पर धनपति बने हैं, साधनहीन लोग अपने दम पर धनी बने हैं और ऐसे लोग जिनके आसपास का सारा माहौल उनके खिलाफ था, अपने दृढ़ इरादों के कारण सफल बने हैं। इन सबमें एक खासियत अवश्य थी, और वह थी … पक्का इरादा, विपरीत स्थितियों से घबराए बिना अपने सपने पूरे करने की लगन। यह एक ऐसा अकेला गुण है जो आपकी शेष सभी कमियों पर पार पा सकता है। बस हमें एक अतिरिक्त बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है। और वह है, हमारे सपनों का आकार, हमारी इच्छाओं का आकार, हमारी महत्वाकांक्षा का आकार। ‘दिल है छोटा-सा, छोटी-सी आशा, आसमानों को छूने की आशा’ की तर्ज पर यदि हम आसमानों को छूने की आशा पाल लें तो आसमानों को छू सकते हैं! आइए, इस पर जरा विस्तार से बात करें। क्या आपका सपना है कि आपकी एक दुकान हो, उसमें खूब-सा सामान हो और खूब ग्राहक आएं और इतनी बिक्री हो कि आपका जीवन सुखमय हो जाए, या आपका सपना है कि आपके पास ऐसी दुकानों की शृंखला हो जहां खूब सामान हो, खूब ग्राहक आएं और इतनी बिक्री हो कि आप मालामाल हो जाएं? आप सिर्फ एक उद्यमी होना चाहते हैं या फिर आप एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के मालिक होना चाहते हैं? आपके सपनों का आकार आपकी सफलता के आयाम निश्चित करेगा। याद रखिए, किसी कंपनी, दस, बीस, पचास या सौ शाखाओं को चलाने में जितनी मेहनत, ऊर्जा और समय की आवश्यकता होती है, उसकी एक ही शाखा को चलाने में भी उतना ही प्रयत्न लगता है। अब इसी बात को जरा दूसरे ढंग से कहते हैं। दो दशक पहले तक भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियां विदेशों से, खासकर, पश्चिमी देशों से आती थीं। अब बहुत सी भारतीय कंपनियां भी बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। बीकानेरी भुजिया पहले सिर्फ बीकानेर से ही मिलता था, आगरे का पेठा सिर्फ आगरा में होता था, रोहतक की रेवड़ी लेने के लिए रोहतक जाना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। समय नहीं बदला है, सोच बदली है। सोच बदलने से यह संभव हो सका है कि विभिन्न भारतीय कंपनियों के मालिकों ने इन्हें देश भर में फैलाया और विदेशों में भी पैर जमाए। प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मी नारायण मित्तल ने बकिंघम पैलेस का सामने स्थित लंदन का सबसे बड़ा निजी भवन खरीदा, तब दुनिया ने उनके सपने को सराहा। सपना होगा तो प्रयत्न होगा, और सपना बड़ा होगा तो फल भी बड़ा होगा, क्योंकि तब प्रयत्न भी वैसा ही होगा।

ध्यान रखिए कि सपनों और दिवास्वप्न में बड़ा अंतर होता है। सपना वह होता है जो आपके दिल का चैन उड़ा दे, आपकी रातों की नींद उड़ा दे और आपको सपने की पूर्ति के लिए प्रयत्न की प्रेरणा दे, जुगाड़ लगाने के तरीके सोचने पर मजबूर कर दे। सपना आपको काम पर लगने के लिए प्रेरित करता है, समय-समय पर काम की प्रगति की समीक्षा की प्रेरणा देता है, आवश्यकता होने पर योजना में बदलाव अथवा सुधार की प्रेरणा देता है। दिवास्वप्न, इसके विपरीत, नि_ले की कल्पना है। उसके साथ प्रयत्न नहीं जुड़ा है। सर एडमंड हिलेरी ने एवरेस्ट विजय का सपना देखा, तो अपने शरीर को पहाड़ों की चोटियों के मौसम के अनुरूप ढाला, सर्दी की बर्फीली हवाओं को सहने की क्षमता विकसित की, तूफानों में जीवित रहने की कोशिश करना सीखा और फिर एवरेस्ट की यात्रा आरंभ की। बीच में कठिनाइयां आईं, बर्फीले तूफान आए, लेकिन वे उनके लिए तैयार थे। इसीलिए वे एवरेस्ट विजय कर पाए। वे कोई सैर करने नहीं निकले थे कि सैर करते हुए अचानक एवरेस्ट की चोटी पर जा पहुंचे। एवरेस्ट विजय का उनका सपना ही उनकी सफलता का कारण बना। यदि वे एवरेस्ट विजय का सपना ही न देखते तो प्रयत्न ही न करते। प्रयत्न ही न होता तो विजय भी न होती। लेकिन यहां सपने के साथ योजना जुड़ी थी, कर्म जुड़ा था। अक्सर लोग वक्त की कमी को अपनी सफलता का सबसे बड़ा रोड़ा मानते हैं। वक्त न होने का रोना रोने का एक ही मतलब है कि आप व्यवस्थित नहीं हैं। आप सैर न करने वाले लोगों से पूछ कर देखिए, वे सभी आप को बताएंगे कि उनके पास सैर का वक्त ही नहीं होता, जबकि सैर करने वालों की दिनचर्या उनसे कहीं ज्यादा व्यस्त हो सकती है। वक्त बनाने के लिए खुद को व्यवस्थित करना होता है, अपना आलस्य छोडऩा होता है। कुछ पाने के लिए कुछ मूल्य तो चुकाना ही पड़ेगा। आप भी सफल होना चाहते हों तो एक बात समझ लें। सफलता आसान नहीं होती।

सफलता अपनी कीमत मांगती है। कुछ चुकाए बिना कुछ प्राप्त करने की इच्छा रखना मूर्खों के स्वर्ग में रहना है। सफलता आपकी सारी ऊर्जा चाहती है, सारा ध्यान चाहती है। निशाना चूकना आसान होता है, निशाना लगाना मुश्किल। जो मुश्किल काम से जी चुराता है, वह कभी सफल नहीं होता। मेहनत और जांमारी के बिना कभी कोई सफल नहीं होता। निकम्मा आदमी किसी काम का नहीं। जो आदतन परजीवी बने रहते हैं, दूसरों की मदद के तलबगार बने रहते हैं, वे ही असफल होते हैं। सपनों की पूर्ति के लिए काम करते समय कुछ घबराहट का होना, थोड़ा-बहुत डर, सामान्य सी बात है। और यह वस्तुत: अच्छा है क्योंकि संयमित डर के कारण हम सभी आवश्यक सावधानियां बरतते हैं जिससे असफलता की आशंका कमतर होती जाती है। मैं इसे संयमित डर कहता हूं क्योंकि अत्यधिक डर आपको अपंग बना देता है, और अति-विश्वास आपको ऐसे जोखिम में डाल सकता है कि आप कठिनाइयों के जाल में घिर जाएं। संतुलित डर और आत्मविश्वास का मेल आपकी सफलता को सुनिश्चित करता है, क्योंकि वह आपके इरादे को पक्का करता है और आरंभिक छोटी-बड़ी कठिनाइयों और असफलताओं से घबराए बिना आगे चलने की प्रेरणा देता है। यही हमारी सफलता का राज है। इसीलिए मैं दोहरा कर कहता हूं कि सफलता का सबसे बड़ा कारक है पक्का इरादा और विपरीत स्थितियों में भी अपना सपना सच करने की लगन। तो आइए, सपने देखें, बड़े सपने देखें और सफल होकर दिखाएं।

पीके खु्रराना

हैपीनेस गुरु, गिन्नीज विश्व रिकार्ड विजेता

ई-मेल: indiatotal.features@gmail.com


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