रादौर में जंगली जानवरों का शिकार, नहर, यमुना नदी, राक्षी नहर के एरिया में खुलेआम मारे जा रहे बेजुबान
गुरदीप राणा — रादौर
वन्य प्राणी विभाग की लापरवाही के चलते क्षेत्र में जंगली जानवरों का शिकार धड़ल्ले से किया जा रहा है। शिकारी क्षेत्र में जंगली जानवरों को अपना निशाना बना रहे हैं। लेकिन वन्य प्राणी विभाग शिकार करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। किसान सतीश कुमार, विक्रम सिंह, कर्ण, रमेश, सुरेश, राजेश कुमार आदि ने बताया कि आजकल खेतों में गन्ने की छिलाई चल रही हैं, जिससे खेतों में जंगली जानवरों को छिपने के लिए जगह नहीं मिल पाती, जिसका लाभ जंगली जानवरों का शिकार करने वाले लोग उठा रहे हैं। गेहूं की फसल भी अभी छोटी हैं, जिसमें जंगली जानवर छिप नहीं पाते। शिकारी जंगली सूअर, खरगोश, गीदड़, जंगली मुर्गे आदि जानवरों का शिकार करने के लिए शिकारी खतरनाक कुत्तों का सहारा ले रहे हैं। क्षेत्र में खासतौर पर रादौर नहर, यमुनानदी व राक्षी नहर के आसपास जंगली जानवरों का शिकार तो खुलेआम हो रहा हैं। शिकारी नदी के आसपास जंगली जानवरों का शिकार करते हैं। अस क्षेत्र को शिकारी शिकार के लिए सुरक्षित क्षेत्र मानते हैं। इसलिए शिकारी सुबह होते ही शिकार के लिए निकल पड़ते हैं।
क्षेत्र में वन्यप्राणी विभाग का कोई कार्यालय नहीं हैं। जिस कारण लोग इन शिकारियों के बारे में शिकायत भी नहीं कर पाते। वन्य प्राणी विभाग का कार्यालय कलेसर में हैं। यदि कोई व्यक्ति इन शिकारियों के बारे शिकायत भी करें तो वन्य प्राणी विभाग के कर्मचारियों को रादौर क्षेत्र में पहुंचने के लिए काफी समय लग जाता हैं। इतने में ये शिकारी अपना शिकार करके नौ दो ग्यारह हो जाते हैं। गांव छोटाबांस की डेहा बस्ती में रहने वाले बहुत से शिकारी रात के समय खेतों में लोहे का फंदा लगाकर शिकार करते हैं। ऐसे लोग शाम को खेतों में फंदा लगाकर लौट आते हैं। शिकारियों द्वारा खेतों में लगाए गए फंदे में रात के समय जंगली जानवर फंस जाते हैं। सुबह शिकारी मौके पर पहुंच कर फंदे में फंसे जंगली जानवर को मारकर अपना शिकार बनाता है। रादौर क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से मांग की है कि क्षेत्र में जंगली जानवरों का शिकार करने वाले लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। (एचडीएम)
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