ट्रेनिंग पर गए रेडियोलॉजिस्ट, मशीनें भेज दीं नेरचौक

By: Dec 16th, 2023 12:17 am

जोनल अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल पा रही अल्ट्रासाउंड की सुविधा, दूसरे विशेषज्ञ की तैनाती की उठाई मांग

स्टाफ रिपोर्टर- मंडी
जोनल अस्पताल मंडी के लिए मरीजों और स्थानीय लोगों द्वारा नए रेडियोलॉजिस्ट की मांग की है। वहीं अल्ट्रासाउंड मशीनें नेरचौक मेडिकल कॉलेज भेजने का भी विरोध किया है। जोनल अस्पताल मंडी के रेडियोलॉजिस्ट एसआरसी कोर्स के लिए हमीरपुर चले गए हैं। जिस कारण अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा लोगों को नहीं मिल पा रही है। वहीं अल्ट्रासाउंड की मशीनों को नेरचौक मेडिकल कालेज भेजा जा रहा है। बता दें कि मंडी जोनल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की केवल तीन मशीनें हैं, जिनमें से दो मशीनों को नेरचौक मेडिकल कॉलेज क ी प्रशिक्षण कार्यशाला भेजा जा रहा है। अब मंडी में अल्ट्रासाउंड की सुविधा मरीजों को नहीं मिलेंगी।

इस समस्या के चलते मरीजों, खासकर गर्भवती महिलाओं को काफ ी परेशानियों का सामना क रना पड़ रहा है। मरीज व गर्भवती महिलाएं अस्पताल पहुंचते हैं, जिन्हें अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए रेडियोलॉजिस्ट ने तारीख दे रखी थी। परंतु अस्पताल आकर उन्हें पता चलता है कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं है और अल्ट्रासाउंड की सुविधा बदं है। अल्ट्रासाउंड करवाने आए कोटली के दीपक, अनीता और कटौला की जयदेवी ने बताया कि वे अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाने आए थे। परंतु रेडियोलॉजिस्ट ना होने से उन्हें निजी अस्पतालों से अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि रेडियोलॉजिस्ट नहीं है तो किसी दुसरे रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती अस्पताल में की जाए। बता दें कि क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में केवल एक ही रेडियोलोजिस्ट था। एक ही रेडियोलॉजिस्ट होने चलते ज्यादा समस्याएं पेश आ रही है क्योकि रेडियोलॉजिस्ट के एसआरसी कोर्स के लिए जाने से अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा ठप पड़ गई है। वहीं लोगों को निजी क्लिनिकों में अल्ट्रासाउंड कराने पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है, गरीब मरीजों के लिए निजी चिकि त्सालयों का खर्च वहन करना मुश्किल हो रहा है। बता दें कि जोनल अस्पताल में एक माह में लगभग हजार के करीब रोगियों का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। वही अल्ट्रासाउंड करवाने आई गर्भवती महिलाओं का कहना है कि अस्पताल के पास अन्य निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र हैं, जिनमें फ ीस अधिक है। अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड की फ ीस 300 के करीब है तो निजी अस्पतालों में 1200 से 1600 तक के करीब फ ीस देकर अल्ट्रासाउंड कराने पड़ रहे हैं। मरीजों का कहना है कि एक ही रेडियोलोजिस्ट होने के चलते ये समस्याएं पेश आ रही है। अत: अस्पताल में एक और रेडियोलोजिस्ट की तैनाती होनी चाहिए ताकि कि सी एक के छुट्टी पर जाने से रेडियोलॉजिस्ट अस्पताल में ठप न पड़े।

एमएस बोले, उच्च अधिकारियों को बताया मामला
जोनल अस्पताल मंडी के एमएस डाक्टर धर्म सिंह वर्मा ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट एसआरसी कोर्स के लिए गए हैं। एक ही रेडियोलॉजिस्ट होने से अब अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पाएगी। वहीं जोनल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की तीन मशीनें हैं, जिनमें से दो मशीनों को नेरचौक मैडिकल कॉलेज क ी प्रशिक्षण कार्यशाला भेजी जा रही हैं। अस्पताल में पेश आ रही समस्याओं के बारे में उच्च अधिकारियों को बता दिया गया है।


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