खाली पदों के मर्जर करने से दूर होगी सैलरी की दिक्कत, ग्राम रोजगार सेवकों ने उठाई मर्जर की मांग
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
जिला परिषद कर्मचारियों के अलावा ग्राम रोजगार सेवक भी ग्रामीण विकास विभाग में मर्जर की मांग कर रहे है। मनरेगा के तहत लगे इन कर्मचारियों ने सरकार से ग्रामीण विकास विभाग में खाली पड़े पदों पर मर्जर की मांग उठाई है। रोजगार सेवक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शिवराज ठाकुर का कहना है कि ग्रामीण विकास विभाग से जहां इनकी सैलरी की दिक्कत दूर हो जाएगी, तो वहीं अन्य वित्तीय लाभों के लिए भी यह पात्र हो जाएंगे। साथ ही ग्रामीण विकास विभाग पर कोई अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा।
उनका कहना है कि इन्हें अभी तक न तो कोई मेडिकल लाभ मिलते हैं न ही अर्नड लीव मिलती है। ओपीएस एनपीएस का प्रावधान भी इनके लिए नहीं है। साथ करुणामूलक आधार पर नौकरी के लिए इनके आश्रित भी पात्र नहीं है। ग्राम रोजगार सेवक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शिवराज ठाकुर ने मांग उठाई है कि ग्रामीण विकास विभाग में खाली पड़े पदों पर मर्जर किया जाए, जिससे सैलरी की दिक्कत दूर हो जाएगी। हिमाचल की पंचायतों में तैनात ग्राम रोजगार सेवकों के लिए रिवाल्विंग फंड तैयार करने पर भी सरकार विचार कर रही है। इस फंड के तैयार होने से ग्राम रोजगार सेवकों को आपातकालीन स्थिति में कम से कम तीन महीने का वेतन प्रदान किया जा सकता है। यह फंड करीब 15 करोड़ रुपए का बनेगा। शिवराज ठाकुर का कहना है कि सरकार रिवाल्विंग फंड के जल्द तैयार करें।
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