शिमला के बिगरी-धामी में केसर की महक

By: Dec 26th, 2023 12:15 am

बागबानी प्रौद्योगिकी संस्थान ने सफलतापूर्वक खेती कर किया कमाल

दिव्य हिमाचल ब्यूरो— रिकांगपिओ
बागबानी प्रौद्योगिकी संस्थान ने शिमला के गांव बिगरी, धामी में केसर की सफलतापूर्वक खेती की है। यह भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से संभव हुआ है। केसर एक शरद ऋतु में फूलने वाला जियोफाइट है। एक पौधा जो कि कॉर्म के माध्यम से वानस्पतिक प्रसार के माध्यम से प्रचारित होता है और जिसके सूखे वर्तिकाग्र अपनी सुगंधित, औषधीय और रंग शक्ति के लिए जाने जाते हैं।

डॉ. सुरेंद्र कुमार शर्मा वैज्ञानिक, आईएचटी केंद्र, शिमला ने बताया कि संस्थान ने कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद पहली बार, बागवानी प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचटी) की एक विशेषज्ञ टीम ने इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश के बिगरी, धामी में सूक्ष्म मीडिया के साथ-साथ मिट्टी रहित मीडिया में सिंचाई (ड्रिप सिंचाई), मानकीकृत फर्टिगेशन और अन्य आधुनिक तकनीकी इनपुट का उपयोग करके केसर की खेती के लिए तकनीकी का प्रदर्शन किया।। हिमाचल प्रदेश के इस क्षेत्र में इस बहुमूल्य मसाले की जैव उद्यमिता की संभावना है और यह केसर के उत्पादन में कश्मीर जितना ही महत्वपूर्ण है। हालांकि हिमाचल प्रदेश में केसर की खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्र और जलवायु हैए फिर भी यह भारत में केसर के प्रमुख उत्पादक के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल नहीं हो पाया है और केसर उत्पादन में कश्मीर से बहुत पीछे है। केसर की संरक्षित परिस्थितियों में मिट्टी रहित खेती में आधुनिक तकनीकों को अपनाना शिमलाए हिमाचल प्रदेश में प्रदर्शित किया गया उत्पादन व्यावसायिक रूप से बढ़ाने की सफलता की कुंजी है और इससे खेती की लागत भी कम होगी। इसलिएए इसके उत्पादन और निर्यात की समस्याओं से जुड़े सभी पहलुओं को कवर करने के लिए आधुनिक तकनीकों को मिशन मोड में अपनाना बहुत महत्त्वपूर्ण है।


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