विशेष

कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी हिमाचल सरकार, आर एंड आर प्लान स्टे किया था हाई कोर्ट ने

By: Jan 15th, 2024 10:30 pm

सभी कानूनी विकल्पों पर पर्यटन सचिव की लंबी बैठक
15 जनवरी की जन सुनवाई भी टालनी पड़ी सरकार को

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला
कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए हिमाचल सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। सोमवार को पर्यटन सचिव ने राज्य सरकार के इस महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर पर्यटन विभाग के साथ एक लंबी बैठक की है। इसके बाद अब उपलब्ध सभी कानूनी पहलुओं के अनुसार कदम उठाने का निर्णय हुआ है। इसमें से ज्यादातर संभावना यही है कि हिमाचल सरकार हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इसके लिए कंपलसरी लैंड एक्विजिशन की कानून में मौजूद प्रावधानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। राज्य की कांग्रेस सरकार कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार करना चाहती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिला को टूरिज्म कैपिटल का दर्जा दिया है। यहां हवाई पट्टी छोटी है, जिसे बढ़ाकर तीन किलोमीटर किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए बनाई गई पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन (आरएंडआर) योजना को हिमाचल हाई कोर्ट ने नौ जनवरी, 2024 को दिए फैसले में स्टे कर दिया था।

इसके बाद अब अगली सुनवाई 29 फरवरी, 2024 को होगी। हाई कोर्ट के इस फैसले के कारण 15 जनवरी को कांगड़ा के प्रभावित गांवों में रखी गई जनसुनवाई को भी टालना पड़ा है। राज्य सरकार द्वारा बनाई गई कार्य योजना के अनुसार फरवरी महीने की आखिर से प्रभावितों को धनराशि बंटना शुरू हो जानी थी। इस प्रोजेक्ट से विस्थापित होने वाले लोग ही हाई कोर्ट गए थे। इसमें विस्तारीकरण के लिए प्रस्तुत की सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट, विशेषज्ञ समूह रिपोर्ट और तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता रिपोर्ट को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इस याचिका में यह भी था कि हवाई अड्डे के भूकंपीय क्षेत्र में होने के चलते विस्तारीकरण को लेकर तैयार की गई तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता रिपोर्ट को लेकर आईआईटी रुडक़ी से परामर्श लेने के निर्देशों को भी पूरा नहीं किया गया। एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण पर राज्य सरकार को करीब 2600 करोड़ खर्च करने हैं। हवाई अड्डा बनाने की लागत अलग है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App