JOA IT 817 : शिमला में डटे अभ्यर्थियों से मिले मुख्यमंत्री सुक्खू; कहा, मैं नौकरी दूंगा, पहले कुछ…

By: Jan 19th, 2024 11:08 pm

फिर कैबिनेट में जाएगा जेेओए आईटी 817, दो दिन से शिमला में डटे अभ्यर्थियों से मिले सीएम सुक्खू

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला

जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 817 का मामला फिर से कैबिनेट में जाएगा। इसमें मंत्रिमंडल रिजल्ट घोषित करने को लेकर सहमति बना सकता है। रिजल्ट घोषित करवाने के लिए पिछले दो दिन से शिमला में डटे अभ्यर्थियों को यह भरोसा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद दिया है। जेओए 817 के अभ्यर्थी गुरुवार को सचिवालय के बाहर जुटे थे और नारेबाजी भी की थी। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सचिवालय के अंदर ले गए थे। वहां रात को उनसेे मुलाकात हुई और इनमें से पांच लोगों को मिलने के लिए सुबह मुख्यमंत्री निवास ओक ओवर भी बुलाया गया। इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में अभ्यर्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि वह रिजल्ट घोषित कर उन्हें नौकरी देना चाहते हैं। इसीलिए कैबिनेट में भी मामले को ले गए थे, लेकिन कुछ कैबिनेट मंत्रियों को शंकाएं हैं। इन्हें मिलकर इन शंकाओं को दूर करिए।

वह दोबारा से इस मामले को कैबिनेट में ले जाएंगे। अभ्यर्थी कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात की शुरुआत शुक्रवार से ही कर चुके हैं। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद यह राज्य सचिवालय गए और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान से समर्थन मांगा। गौरतलब है कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 817 में कुल 1868 पद भरे जाने हैं। लिखित परीक्षा हो गई है, लेकिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के स्तर तक मामला फंस गया है। भर्ती नियमों का झगड़ा हिमाचल हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट से सेटल हुआ, लेकिन इस बीच पेपर लीक की एफआईआर हो गई। चार्जशीट अभी दायर हुई नहीं है। ऐसे में जब किसी अधिकारी ने रिजल्ट घोषित करने को लेकर फाइल पर लिखने का जोखिम नहीं लिया, तो कैबिनेट में केस बुलाया गया, लेकिन वहां कुछ मंत्री नहीं माने।

आखिर क्यों रिजल्ट के खिलाफ थे मंत्री?

कैबिनेट में जब ये मामला गया तो मंत्रियों का पहला सवाल यह था कि जिस आयोग को भ्रष्टाचार के कारण भंग किया गया, उसके रिकॉर्ड को कैसे सही माना जाएगा? एक सवाल इस भर्ती के कुल आवेदकों और परीक्षा न देने वाले आवेदकों के अंतर को लेकर भी था। मंत्रियों ने पेपर लीक का मामला दर्ज होने का भी सवाल उठाया कि पेपर लीक का यह जाल आगे नहीं जाएगा, इसकी क्या गारंटी है? कैबिनेट एजेंडा आइटम में पेपर लीक में दायर कुल 13 एफआईआर और लोक सेवा आयोग का वह पत्र भी था, जिसमें आयोग ने एफआईआर वाला रिकॉर्ड लेने से इनकार कर रखा है। इन सारी आपत्तियां के बाद यह मामला कैबिनेट से वापस ले लिया गया। अब इस बारे में फैसला भी दोबारा कैबिनेट ही ले पाएगी।

चार मंत्रियों को मनाने की जिम्मेदारी मेरी

जेओए 817 के अभ्यर्थियों से उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का वादा

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — शिमला

जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 817 के विवाद के बाद सचिवालय मिलने पहुंचे युवाओं को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कुछ राहत दी है। उन्होंने अभ्यर्थियों को भरोसा दिया कि इस मामले में वह रिजल्ट घोषित करने के पक्ष में हैं और चार मंत्रियों को मनाने की जिम्मेदारी भी लेते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के विवाद में जांच एजेंसी को भी राज्य सरकार को सही स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बताया कि युवाओं को रोजगार का मसला राजनीति से परे का विषय है और वह इस मसले पर युवाओं का साथ देंगे। अभ्यर्थियों ने कैबिनेट मंत्री से आग्रह किया कि उन्हें मुख्यमंत्री ने ही मंत्रियों से मिलने के लिए कहा है, इसलिए वह आए हैं। उन्हें यह भी पता नहीं है कि किन मंत्रियों ने इस कैबिनेट एजेंडा आइटम का विरोध किया।

हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जिस कैबिनेट में यह फैसला हुआ है, उसमें मैं खुद नहीं था, लेकिन अब भविष्य में जब भी यह मामला आएगा, वह इसका समर्थन करेंगे। गौरतलब है कि जिस कैबिनेट में जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 817 का रिजल्ट घोषित करने को लेकर केस लगा था, उसमें उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान के साथ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद नहीं थे।


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