छात्रों से मशरूम उत्पादन शुरू करने की अपील

By: Feb 19th, 2024 12:14 am

नौणी विश्वविद्यालय स्टार्टअप कार्यक्रम का आयोजन, 200 छात्रों-शिक्षकों के साथ 26 स्टार्टअप, कृषि हितधारकों ने लिया भाग
निजी संवाददाता-नौणी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन मैनेजमेंट-सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एग्रोप्रेंयोरशिप (मैनेज-सीआईए), हैदराबाद ने डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के सहयोग से विश्वविद्यालय में एग्री-स्टार्टअप स्टेक होल्डर्स कनेक्ट-फोस्टरिंग कोलैबोरेशन एंड पार्टनरशिप शीर्षक कार्यक्रम आयोजित किया। इस आयोजन में विश्वविद्यालय के 200 से अधिक छात्रों और शिक्षकों के साथ-साथ 26 स्टार्टअप और कृषि हितधारकों ने भाग लिया। इस अवसर पर विस्तार शिक्षा निदेशक डा. इंद्र देव ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शोधकर्ताओं, इनक्यूबेटरों, नीति निर्माताओं, कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप, कृषि-उद्योगों, निवेशकों, विस्तार कार्यकर्ताओं, छात्रों सहित विभिन्न हितधारकों को एकजुट कर एक मंच पर लाना है। यह कार्यक्रम ने स्टार्टअप परिदृश्य के विकास में सामूहिक रूप से योगदान देने के लिए कृषि व्यवसाय और कृषि उद्यमिता के क्षेत्र में नवाचारों, विशेषज्ञता और अनुभवों को प्रस्तुत और आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच दिया।

विश्वविद्यालय के कुलपति और कार्यक्रम के मुख्यातिथि प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने फार्म गेट से हटकर गतिविधियों में वैश्विक रुचि पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्टार्टअप्स द्वारा किए गए कार्यों से वैज्ञानिक डेटा जनरेट करने के लिए विश्वविद्यालय के डाक्टरेट छात्रों का उपयोग करने का भी सुझाव दिया। मशरूम अनुसंधान निदेशालय, चंबाघाट के निदेशक डा. वीपी शर्मा ने विभिन्न मशरूमों का पोषण महत्व पर जोर देते हुए छात्रों से अपने स्वयं के मशरूम उद्यम शुरू करने का आहवान किया। मैनेज के निदेशक कृषि विस्तार डा. सरवनन राज ने बताया कि देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बढ़ रहा है, लेकिन देश में लगभग 5600 कृषि स्टार्ट-अप ही मौजूद हैं। डा. राज ने कहा कि कृषि स्टार्टअप को विकास भागीदार के रूप में देखा जाता है क्योंकि वे लागत प्रभावी सेवाओं के साथ समाधान प्रदान करने में सहायता करेंगे। इस कार्यक्रम में कुल 26 स्टार्टअप जिसमें हिमाचल के 22 स्टार्टअप शामिल थे ने अपने कहानी प्रतिभागियों के साथ साझा की और प्रदर्शनी में अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों के विविध दृष्टिकोण और अंतर्दृष्टि ने स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वैधानिक अधिकारियों और विभागाध्यक्षों, कृषि विभाग ने भाग लिया।


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