डीसी मंडी नहीं, आम जनता का भाई बन खड़े रहे अरिंदम चौधरी

By: Feb 2nd, 2024 12:54 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो- मंडी
छोटी काशी मंडी अब तक अपने इतिहास में कई अधिकारियों के नाम समेटे हुए है, लेकिन वर्तमान में मंडी से तबदील होकर जा रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अरिंदम चौधरी का नाम मंडी जिला के लोग हमेशा याद रखेगें। शाताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी सहने वाले मंडी जिला में हर प्रभावित परिवार अरिंदम चौधरी को अपना मानता है। अरिंदम चोधरी अपने करीब ढाई साल के कार्यकाल के दौरान सुख दुख में जनता के सच्चे हमदर्द बनकर खड़े रहें हैं। शायद वो पहले ऐसे अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी परवाह न करते हुए आपदा में प्रभावितों तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर का सफर नंगे पांव किया है। उन्होंने आपदा के समय हर प्रभावित के पास पहुंचने और उसे सहारा देने का प्रयास किया। यही वजह है कि अढ़ाई वर्ष के इस कार्यकाल में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी उन्हें सरकार ने मंडी जिला से तबदील नहीं किया। यही नहीं लोग यह भी कहते हैं कि अरिंदम चौधरी के डीसी मंडी रहते हुए कोई फरियादी खाली हाथ नहीं लौटा है। अगर नियमों की बेडिय़ां बाधा बनी तो अरिंदम चौधरी ने ऐसे जरूरतमंद लोगों की समाजसेवी संगठनों से सहायता करवाई।

गत वर्ष जुलाई व अगस्त की आपदा में जहां कोई नहीं पहुंचा वहां खुद पहुंच लोगों का हौसला बढ़ाने का काम किया था। धर्मपुर, सरकाघाट, बल्ह, नाचन, द्रंग व सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों का हाल जानने के लिए वह कई किलोमीटर नंगे पांव चले। आपदा में अपनी जीवन भर की जमापूंजी खो चुके लोगों का हौसला टूट चुका था। उपायुक्त को अपने बीच पाकर लोग फिर से उठ खड़े हुए थे। आपदा में बेहतर प्रयासों के लिए प्रदेश सरकार ने उन्हें सम्मानित किया था। कोल बांध जलाशय में वन विभाग के 10 कर्मियों व श्रमिकों के रेस्क्य़ू के लिए वह रात भर हरनोड़ा में डटे रहे थे। योजना क्षेत्र में भी उनके प्रयास सराहनीय रहे हैं। बैहना में एनडीआरएफ के नाम भूमि हस्तांतरण व वर्षों से फ ाइलों में लटकी 191 मेगावाट क्षमता के थाना पलौन पनविद्युत प्रोजेक्ट को केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से प्रथम स्तर की स्वीकृति दिलाने में अहम भूमिका निभाई।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App