जैव विविधता संरक्षण व स्थिरता महत्वपूर्ण

By: Feb 23rd, 2024 12:55 am

शूलिनी विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज, अनुसंधान पर जोर
दिव्य हिमाचल ब्यूरो -सोलन
जिलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (जेडएसआई) और इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन चंडीगढ़ चैप्टर के सहयोग से शूलिनी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज, विज्ञान संकाय द्वारा सतत विकास के लिए तकनीकी प्रगति जैव विविधता संरक्षण की ओर विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। सम्मेलन जैव विविधता संरक्षण और सतत विकास की चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को चिह्नित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का उद्घाटन प्रो. आरसी. द्वारा किया गया । प्रोफ सोबती के साथ चांसलर प्रो. पीके. खोसला, प्रो-चांसलर विशाल आनंद, निदेशक योजना शूलिनी विश्वविद्यालय प्रो. जेएम. जुल्का, रजिस्ट्रार शूलिनी विश्वविद्यालय प्रो. सुनील पुरी, और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। प्रो. आरसी सोबती पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने जैव विविधता संरक्षण और स्थिरता की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रोफेसर धीर सिंह निदेशक, आईसीएआर-एनडीआरआई, करनाल, भारत सम्मेलन के मुख्य अतिथि ने सभा को संबोधित किया और क्रॉस-किंगडम कम्युनिकेशन और एपिजेनेटिक्स पर अपने विचार साझा किए, इसके बाद कार्यक्रम पुस्तक/स्मारिका का अनावरण किया गया। शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अतुल खोसला ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका पर जोर दिया और संदेश दिया कि मूल्यों के बिना विज्ञान और सफलता का कोई मतलब नहीं है। प्रोफेसर बीएन. पांडे ने खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा के लिए जैव विविधता संरक्षण के महत्व को समझाया। प्रोफेसर वी. लक्ष्मी सक्सेना ने जैव विविधता संरक्षण में नवाचार और प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डाला।


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