एसएमसी-कम्प्यूटर शिक्षकों पर फैसला जल्द, शिक्षा मंत्री कल लेंगे कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक

By: Feb 5th, 2024 9:42 pm

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर कल लेंगे कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक; रास्ता निकाला, तो बजट में घोषणा करेंगे मुख्यमंत्री

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — शिमला

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समिति के तहत नियुक्त शिक्षकों और आउटसोर्स पर रखे गए कम्प्यूटर टीचर्स की सेवाओं पर इसी महीने फैसला हो सकता है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इन दो विषयों पर गठित कैबिनेट सब कमेटी की बैठक सात फरवरी को बुलाई है। इस बैठक में अन्य दो कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह और अनिरुद्ध सिंह भी शामिल होंगे। शिक्षा सचिव राकेश कंवर को कैबिनेट सब कमेटी का सदस्य सचिव बनाया गया है। इसी महीने 14 फरवरी से हिमाचल विधानसभा का सत्र है और 17 फरवरी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपना दूसरा बजट पेश करेंगे। इसलिए यदि कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में कोई रास्ता निकल आया, तो मुख्यमंत्री बजट भाषण में ही इसकी घोषणा भी कर सकते हैं। राज्य सरकार ने एसएमसी शिक्षकों और कम्प्यूटर टीचर्स की सेवाओं पर फैसला लेने के लिए पिछले अक्तूबर महीने में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया था, लेकिन अब तक इस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हो पाई थी। इससे नाराज एसएमसी टीचर्स आजकल शिमला में क्रमिक अनशन पर बैठ रहे हैं।

वर्तमान में सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे एसएमसी टीचर्स की संख्या 2555 और कम्प्यूटर टीचर्स की संख्या 1300 है। ये दोनों ही वर्ग अपने लिए स्थायी पॉलिसी की मांग कर रहे हैं। कम्प्यूटर टीचर्स को तो सेवाएं देते हुए लगभग दो दशक का समय हो गया। स्कूल प्रबंधन समिति के तहत रखे गए टीचर्स भी कई साल से सेवाएं दे रहे हैं और उनकी सेवाओं को साल दर साल एक्सटेंड किया जाता है। कम्प्यूटर लेक्चरर्स की नई भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग में शुरू हुई प्रक्रिया भी कई साल तक कोर्ट में लटकी रही। अब यह भी क्लियर हो गई है। दूसरी तरफ एसएमसी का झगड़ा भी सुप्रीम कोर्ट तक गया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि दोनों ही मामलों में कैबिनेट सब-कमेटी सात फरवरी को होने वाली बैठक में विचार करेगी। कुछ लीगल दिक्कतें हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है। यदि सहमति बन गई, तो जल्द इस बारे में फैसला हो जाएगा।

कम्प्यूटर शिक्षकों को बजट में सरकार से आस

हमीरपुर। प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में वर्षों से कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षकों को आने वाले बजट में मुख्यमंत्री से आस बंधी है। प्रदेश कम्प्यूटर शिक्षक संघ की प्रदेश पे्रस सचिव सुमन ठाकुर ने कहा कि कम्प्यूटर शिक्षक अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से बहुत बार मिल चुके हैं तथा उन्हें शिक्षा विभाग में मर्ज करने की मांग पूरी करने का आग्रह भी किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में सबसे शोषित वर्ग कम्प्यूटर शिक्षक है, जिनकी मांग आज तक पूरी नहीं हुई है और केवल आश्वासन ही मिले हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सकारात्मक सोच कम्प्यूटर शिक्षकों के प्रति पहले से ही रही है और कई बार विधानसभा में भी कम्प्यूटर अध्यापकों की मांग उठाते रहे हैं। अब कम्प्यूटर शिक्षकों की बजट में सरकार के प्रति आस बढ़ी हैं। उन्होंने सीएम से आग्रह किया है कि इस बार के बजट में कम्प्यूटर शिक्षकों के हित में निर्णय लेकर उन्हें शिक्षा विभाग में मर्ज किया जाए।

20 साल से स्कूलों में दे रहे सेवाएं, नहीं बनी पॉलिसी

अध्यापक संघ ने कम्प्यूटर शिक्षकों को सरकार से मांगी स्थायी नीति

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

प्रदेश के स्कूलों में तैनात कम्प्यूटर शिक्षक सालों से उनके लिए स्थायी पॉलिसी की मांग करते आ रहे हैं। ऐसे में अब राजकीय अध्यापक संघ भी कम्प्यूटर शिक्षक संघ का समर्थन कर रहा है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान नरेश महाजन ने कहा है कि सरकार नायलट कंपनी द्वारा हिमाचल की पाठशालाओं में तैनात अध्यापकों की सुध ले। इस मांग को लेकर उन्होंने उच्च शिक्षा निदेशक को ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने कहा कि ये अध्यापक पिछले 20 वर्ष से सरकारी पाठशालाओं में अपनी सेवाएं बहुत कम वेतन पर दे रहे हैं।

इनके द्वारा भी गत दिनों क्रमिक अनशन किया जा चुका है, लेकिन जिसका कोई हल नहीं निकला। उन्होंने कहा कि राजकीय अध्यापक संघ का प्रत्येक सदस्य इन कम्प्यूटर अध्यापकों के साथ अन्याय नहीं होने देगा व इन अध्यापकों के हितों की रक्षा के लिए इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा। सरकार इन अध्यापकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करके इन्हें जल्द अनुबंध पर तैनाती देकर स्थायी नीति में लेकर आए।


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