कर्मचारियों ने केंद्र से मांगे नौ हजार करोड़, न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने राहत को उठाई मांग

By: Feb 4th, 2024 10:21 pm

कार्यालय संवाददाता — मंडी

न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ की राज्य स्तरीय बैठक राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अध्यक्षता में गूगल मीट के माध्यम से हुई। बैठक में राज्य पदाधिकारी तथा सभी जिला अध्यक्ष उपस्थित रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि पांच से नौ फरवरी तक सभी जिला उपायुक्त के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रदेश के कर्मचारियों के 9000 करोड़ वापस करने हेतु विज्ञापन राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पेंशन बहाल हो चुकी है, जो बिलकुल 1972 के नियमावली के अनुसार कर्मचारियों को मिलना भी शुरू हुई है। अभी तक 800 से अधिक कर्मचारियों को पेंशन मिल चुकी है।

जो पैसा एनपीएस के तहत कर्मचारियों का काटा था और सरकार का शेयर जोडक़र यह पैसा केंद्र सरकार के अधीन एनएसडीएल के पास है, इसे केंद्र सरकार को तुरंत प्रभाव से लौटाना चाहिए। कर्मचारियों का पैसा कर्मचारियों को मिल सके और सरकार का पैसा सरकार के खाते में जमा किया जा सके, जिससे कर्मचारियों के पैसे डूबने का खतरा भी खत्म होगा और सरकार के खाते में लगभग पांच हजार करोड़ से भी अधिक पैसा आएगा। ऐसा होने पर वर्तमान समय में सरकार को एक बड़ा आर्थिक सहयोग मिलेगा। उन्होंने बताया कि यदि यह पैसा जल्द केंद्र सरकार वापस नहीं लौटाती है, तो संगठन द्वारा बड़े आंदोलन की भी रूपरेखा तैयार भी तैयार की जा रही है।

11 की जगह छह प्रतिशत किया डीए

विशेष संवाददाता — शिमला

हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर बड़ा हमला बोला है। महासंघ ने पूर्व भाजपा सरकार पर कर्मचारियों के वित्तीय भुगतान के मामलों में दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। इन आरोपों को लेकर 2022 से पहले रिटायर हो चुके कर्मचारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपेंगे। अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा है कि कर्मचारियों के डीए की किस्तों के भुगतान में भी जयराम ठाकुर ने भारत सरकार के मानकों से छेड़छाड़ कर 11 प्रतिशत की जगह छह प्रतिशत डीए देकर कर्मचारियों का पांच प्रतिशत डीए रफा-दफा कर दिया, जबकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि कर्मचारियों के जो वित्तीय मसले और देनदारियां लंबित हैं, वह आज तक उनके अकुशल नेतृत्व के कारण ही हो रहा है। यदि उन्होंने अपने कार्यकाल में समय रहते कर्मचारियों के संशोधित वेतनमान ऐरियर, डीए और अन्य मामलों के निपटारे की व्यवस्था की होती, तो आज कर्मचारी वर्ग को यह दिन नहीं देखने पड़ते, लेकिन जयराम ठाकुर की सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन और राजस्व घाटे को कम करने की दिशा में काम करने की बजाए 80 हजार करोड़ का कर्ज प्रदेश पर खड़ा कर दिया।


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