किसानों की मांगों पर सहानुभूति से विचार हो

By: Feb 14th, 2024 12:05 am

प्रधानमंत्री मोदी की मजबूत प्रतिबद्धता में से एक किसानों का सशक्तिकरण है। किसानों को सशक्त बनाना व उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री की ग्रामीण भारत की बेहतरी के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता है, जो भारत की अधिकांश आबादी को सशक्त बनाने और किसान समुदायों के उत्थान के लिए समर्पित हैं। समावेशी विकास पर एक मजबूत ध्यान देने के साथ, उनकी नीतियों और कार्यक्रमों को ग्रामीण और शहरी भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और नीम-लेपित यूरिया उर्वरक को बढ़ावा देने जैसी पहलों को लागू करके, मोदी ने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की भलाई सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की खाद्य टोकरी में विविधता लाने और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया है। बाजरा लचीला, पौष्टिक और जलवायु-स्मार्ट फसलें होने के नाते, खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने और किसानों की आजीविका में सुधार करने की क्षमता रखती हैं। इस पहल का उद्देश्य बाजरा की खेती, खपत और व्यावसायीकरण को पुनर्जीवित करना है, जो अंतत: किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभान्वित करता है। श्री अन्न वर्ष 2023 जैसी पहलों के माध्यम से, श्री अन्न की खेती के लिए किसानों को बहुत मशक्कत नहीं करनी पड़ती। धान के मुकाबले मोटे अनाज की खेती में पानी की खपत कम होती है। यूरिया और दूसरे रसायनों की जरूरत नहीं पड़ती है। इसकी खेती पर्यावरण के लिए भी बेहतर है।

पिछले कुछ सालों की तरह अगर दुनिया में यूं ही श्री अन्न की मांग बढ़ती है तो किसान कम लागत पर ज्यादा फायदा देने वाली फसल की पैदावार को और बढ़ा सकेंगे। भारत में उगाए जाने वाले मोटे अनाजों में पर्ल मिलेट, ज्वार, फिंगर मिलेट और प्रोसो मिलेट, कोदो मिलेट, छोटा मिलेट, कंगनी मिलेट, ब्राउनटॉप मिलेट, बार्नयार्ड मिलेट, चौलाई और बकवीट जैसे गौण श्री अन्न शामिल हैं। भारत में मोटा अनाज खाने की परंपरा रही है। यह इनसान को सेहतमंद रखता है। भारत यही परंपरा अब दुनिया तक पहुंचाना चाहता है। पीएम मोदी ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने की बात कही। हाल में मन की बात में भी उन्होंने इसका जिक्र किया है। सरकार की पहल के तहत ही संसद की कैंटीन में भी मोटे अनाज से बने व्यंजनों की शुरुआत हुई है। कैंटीन में देश के अलग-अलग इलाकों में फेमस मोटे अनाज से बने व्यंजन को खाने की सूची में शामिल किया गया है। इतना ही नहीं, इस साल भारत में आयोजित होने वाले जी-20 कार्यक्रम में मोटे अनाज से बने पकवानों को विदेशी मेहमानों और वल्र्ड लीडर्स के सामने पेश किया है। भारत श्री अन्न का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। दुनिया भर में बाजरा को लोकप्रिय बनाने में भारत सबसे आगे रहा है। वेबएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, मोटा अनाज मोटापा, दिल की बीमारियां, टाइप-2 डायबिटीज और कैंसर का खतरा घटाता है। यह बॉडी में ऐसे बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाता है जो आंतों की सेहत दुरुस्त रखते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है इसमें मौजूद फाइबर और पोषक तत्व।

यही वजह है कि मोटे अनाज को सुपर फूड भी कहते हैं। मोटे अनाज में फाइबर के साथ विटामिन-बी, फोलेट, जिंक, आयरन, मैग्नीशियम, आयरन और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शहरी-ग्रामीण विभाजन को पाटने, वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है। किसान समुदायों की आबादी के बीच आत्मनिर्भरता की भावना को बढ़ावा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने किसान समुदायों की आबादी में उल्लेखनीय परिवर्तन लाया है। देश भर के किसानों का उत्थान किया है। उनके समर्पित फोकस के परिणामस्वरूप कई प्रभावशाली पहल हुई हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने औपचारिक ऋण तक पहुंच की सुविधा प्रदान की है, जिससे ग्रामीण उद्यमियों को अपने व्यवसाय को स्थापित करने और विस्तार करने में सक्षम बनाया गया है। इससे ग्रामीण समुदायों की जीवन स्थितियों में काफी सुधार हुआ है। पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम कृषि सिंचाई योजना और पीएम फसल बीमा योजना जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से किसान कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता स्पष्ट है। इन कार्यक्रमों ने क्रमश: वित्तीय सहायता, सिंचाई के बुनियादी ढांचे में वृद्धि और फसल बीमा प्रदान किया है, जिससे किसानों की भलाई और समृद्धि सुनिश्चित हुई है। ग्रामीण भारत की बेहतरी के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता के साथ उन्होंने सकारात्मक बदलाव लाया हैं। अच्छी तरह से परिभाषित नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से मोदी ने किसान समुदाय के उत्थान और ग्रामीण और शहरी भारत की नींव को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास किया है जिनका लाखों भारतीयों के जीवन पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ा है। मोदी ने कई किसान-केंद्रित नीतियों और कार्यक्रमों को लागू किया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य सिंचाई के बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से कृषि गतिविधियों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को फसल विफलताओं और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए फसल बीमा प्रदान करती है जिससे उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिलती है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान करती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने टिकाऊ कृषि प्रथाओं और ग्रामीण विकास के महत्व पर भी जोर दिया है। नीम-लेपित यूरिया उर्वरक को बढ़ावा देने जैसी पहलों ने मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार किया है और कृषि के पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया है। जन-धन योजना ने ग्रामीण आबादी को बैंकिंग सेवाओं और किफायती बीमा तक पहुंच प्रदान करके वित्तीय समावेशन सुनिश्चित किया है। इसके बावजूद कहा जा रहा है कि किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है। किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। फिर से किसान आंदोलित हैं। उनकी मांगों पर सहानुभूति से विचार होना चाहिए।

डा. अमरीक ठाकुर

शिक्षाविद


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