जिला में सरकार ने फंसाए रोजगार गारंटी के सात करोड़, मजदूर बेहाल

By: Feb 8th, 2024 12:10 am

ऊना में मनरेगा सत्र 2023-24 का बजट नहीं हो पाया जारी, ग्राम पंचायत प्रधान- ट्रैक्टर ड्राइवर लगा रहे बीडीओ कार्यालयों के चक्कर

नगर संवाददाता-ऊना
देश के ग्रामीण लोगों को घरद्वार पर रोजगार प्रदान करने के लिए शुरु की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना जिला ऊना में दम भरती नजर आ रही है। मनरेगा योजना के तहत सामग्री भुगतान के सात करोड़ रुपए सरकार के पास फंसे हुए है। सरकार ने मनरेगा योजना के सत्र 2023-24 का बजट जारी नहीं किया है। पिछले 11 महीनों से मनरेगा का पैसा नहीं आया है। हालांकि मनरेगा दिहाड़ीदारों को तो उनका वेतनमान दिया जा रहा है। लेकिन पैसा नहीं आने के कारण मनरेगा सामग्री का भुगतान नहीं हो पाया है। आलम यह है कि क्रशर उद्योग, ट्रैक्टर चालकों, पेवर वालों, शटरिंग ठेकेदारों का लाखों रुपए का भुगतान नहीं हो पाया हैं। उक्त लोग ग्राम पंचायत प्रधानों के साथ ऊना के सभी पांचों विकास खंड कार्यालयों में आकर अपनी समस्या रख हैं। लेकिन पिछले 11 वर्षो से ब्लॉक खंड अधिकारी पीछे से मनरेगा सामग्री भुगतान के पैसे नहीं आने की बात ही कह रहे हैं।

अपने लाखों रुपए फंसे होने के चलते आए दिन लोग अपने पैसे लेने के लिए बीडीओ कार्यालयों के चक्कर लगा रहे है। मनरेगा के विश्व का सबसे बड़ा रोजगार गारंटी कार्यक्रम है। जिसका उद्देश्य व्यक्ति को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाना है। मनरेगा योजना के तहत जहां व्यक्ति को 100 दिन का रोजगार मिल रहा है, वहीं मनरेगा के कामों में इस्तेमाल होने वाले मैटीरियल से क्रशर संचालकों, पैवर्स कारोबारियों, ट्रैक्टर चालकों, शटरिंग ठेकदारों को भी काम मिल रहा है। ऊना में पिछले 11 महीनों से मनरेगा सामग्री भुगतान की राशि नहीं आने से उक्त लोगों का करोड़ों रुपए फंस गया है। ऊना के पांचों विकास खंडों, ऊना, हरोली, बंगाणा, अंब व गगरेट में अपने पैसों को लेने के लिए रोज लोग पहुंच रहे है। उक्त लोग पिछले 11 महीनों से अपने पैसों का इंतजार कर रहे है, लेकिन सरकार द्वारा 11 महीने बीत जाने के बाद भी सत्र 2023-24 के पैसे अभी तक जारी नहीं किए गए है। सरकार द्वारा मनरेगा सामग्री भुगतान के पैसे जारी नहीं करने के चलते मनरेगा स्कीम प्रभावित हो रही है। हालांकि ग्राम पंचायत प्रधानों ने वर्ष 2023 में जैसे-तैसे इस स्कीम को चलाए रखा, लेकिन अब सामग्री के पैसों का भुगतान न होने के चलते क्रशर संचालकों ने भी मैटीरियरल देने से हाथ खड़े कर दिए है। ग्राम पंचायतों के विकास में मनरेगा योजना अहम भूमिका निभा रही है। मनरेगा योजना के तहत जहां ग्रामीण लोगों को गारंटी युक्त 100 दिन का रोजगार मिल रहा है। गांव के विकास को भी पंख लग रहे है। मनरेगा योजना ने गांव की दशा व दिशा बदलने का काम किया है।

पिछले पांच-छह महीनों से मनरेगा सामग्री भुगतान नहीं हो पाया है। जिला ऊना के सात करोड़ रुपए फंसे हुए है। बजट आते ही ग्राम पंचायतों को पैसे जारी कर दिए जाएंगे।
शैफाली वर्मा, डीआरडीए ऊना


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