एसएमसी के समर्थन में उतरा हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ, 9 दिन से धरने पर बैठे हैं यह शिक्षक

By: Feb 4th, 2024 7:59 pm

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

डीसी ऑफिस के बाहर धरने पर पिछले आठ दिनों से बैठे एसएमसी शिक्षकों के समर्थप में अब हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ भी उतर आया है। इन शिक्षकों का भी ये कहना है कि सरकार को एसएमसी की मांग पूरी करनी चाहिए। संघ के राज्य प्रधान नरेश महाजन ने कहा है कि ने अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक बी आर शर्मा व शिक्षा निदेशक उच्च डॉक्टर अमरजीत शर्मा को भी एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें एसएमसी अध्यापकों के साथ हो रहे शोषण को लेकर दोनों निदेशकों को सरकार को एक मेमोरेंडम भेजने के लिए आग्रह किया गया। राज्य प्रधान नरेश महाजन ने कहा की हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का प्रत्येक सदस्य इन एसएमसी पीरियड बेस्ड अध्यापकों के साथ अन्याय नहीं होने देगा व इन अध्यापकों के हितों के लिए इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा।संघ के राज्य प्रधान ने सरकार को 28 जून 2023 को कही अपनी बात याद रखते हुए कहा कि सरकार अपनी बात से पीछे हट रही है जब सरकार ने कहा था कि 31 दिसंबर 2023 तक एसएमसी अध्यापकों के नियमतिकरण के लिए एक पॉलिसी जरुर बनाएगी।

लेकिन जनवरी महीना भी बीत जाने तक कोई पॉलिसी न बनाना इन अध्यापकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। 27 जनवरी 2024 से लेकर 4 फरवरी 2024 तक आज 9 दिन का समय बीत गया लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी नुमाइंदे इनसे बात तक करने नहीं आये जो की बहुत ही खेद का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि इन एसएमसी अध्यापकों द्वारा जो 8 फरवरी 2024 से कलम बंद हड़ताल के लिए सरकार को मेमोरेंडम दिया है उसका भी हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ जोरदार समर्थन करता है। सरकार से मांग की गई है कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर द्वारा 6 फरवरी को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक होने जा रही है। उसमें इन एसएमसी अध्यापकों के लिए भी कोई स्थाई नीति लाई जाए ताकि यह भी इस महंगाई के दौर में अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे से कर सकें।

9 दिन से धरने पर बैठे हैं एसएमसी

नियमितीकरण की मांग को लेकर एसएमसी शिक्षक लगातार संघर्षरत हैं लेकिन उनकी यह मांग अब तक पूरी नहीं हुई है। एसएमसी अध्यापक संघ के प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस मांग को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ही शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं और इसी बीच एसएमसी शिक्षक अपने विषय के अलावा दूसरे विषय भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं। निर्मल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कई स्कूलों की स्थिति ऐसी है जहां पर केवल एसएमसी शिक्षक ही कार्यरत हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार को इन शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियमित करने के आदेश तुरंत जारी किए जाने चाहिए।

-सोनिया-


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