उद्योग बंद…सडक़ों पर उतरे मजदूर

By: Feb 17th, 2024 12:55 am

बीबीएन में केंद्रीय मजदूर यूनियनों ने भारत बंद को दिया समर्थन, रोष रैली निकाली

दिव्य हिमाचल व्यूरो-बीबीएन
केंद्रीय श्रम यूनियनों, किसान व मजदूरों द्वारा किए गए भारत बंद के आहवान का हिमाचल के प्रमु ख औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में मिलाजुला असर रहा, इस दौरान जहां कई उद्योग बंद रहे वहीं कुछ उद्योगों को ट्रेड यूनियन नेताओं ने जबरन बंद करवाया। भारत बंद आंदोलन में बीबीएन के सैंकड़ों मजदूरों ने हनुमान चौक से झाड़ माजरी तक प्रदर्शन करते हुए रोष रैली निकाली। संयुक्त ट्रेड यूनियनों ने दो टूक कहा के अगर कामगार विरोधी कानून वापिस नहीं हुए तो दोबारा सडक़ों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। जब तक चार लेबर कोड और मजदूर विरोधी कानून वापिस नहीं होते तब तक ट्रेड यूनियनें चुप्प नहीं बैठेंगी। इंटक प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बावा, मीडिया प्रभारी ओम शर्मा, यूथ इंटक अध्यक्ष जसविंद्र चौहान, इंटक जिलाध्यक्ष श्याम ठाकुर, प्रदेश सचिव राजन गोयल, जिला सचिव विजय कुमार, अभिषेक, एटक जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा, किशोर ठाकुर, जसमेर सिंह, सीटू के ओम दत्त, प्रेम गौतम की अगवाई में सैंकड़ों कामगारों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी करते हुए बद्दी व नालागढ़ में रोष रैली निकाली।

इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बावा ने अपने संबोधन में कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह पूंजीपतियों के साथ खड़ी हो गई है व आर्थिक संसाधनों को आम जनता से छीनकर अमीरों के हवाले करने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’के नारे की आड़ में मजदूर विरोधी लेबर कोडों को थोपने, बारह घेंटे की डयूटी, फिक्स टर्म व मल्टी टास्क रोजगार लागू करने, हड़ताल पर अघोषित प्रतिबंध लगाने व सामाजिक सुरक्षा को खत्म करने की नीति पर आगे बढक़र यह सरकार इंडिया ऑन सेल, बंधुआ मजदूरी व गुलामी की थियोरी को लागू कर रही है। इंटक अध्यक्ष ने कहा के मोदी की गारंटी, अच्छे दिन का वायदा करने वाली गरीब हितेषी का दम भरने वाली मोदी सरकार गरीबों को खत्म करने पर आमद है। मजदूरों के 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन की मांग ज्यों की त्यों खड़ी है।

आम भारतीय की आय पचास प्रतिशत से अधिक बढऩे का दावा करने वाली मोदी सरकार को आईएलओ ने बेनकाब कर दिया है। यूथ इंटक अध्यक्ष जसविंदर चौहान ने कहा के मजदूरों का हक मारते हुए बनाए गए 4 लेबर कोड व अन्य कानूनों से केवल पूंजीपतियों,उद्योगपतियों व कॉरपोरेट घरानों को फायदा होने वाला है व गरीब और ज््यादा गरीब होगा। एटक के जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा ने कहा के मोदी सरकार किसानों की कर्जा मुक्ति, फसलों व सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने व स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करने के बजाए किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसा रही है। सीटू के ओम दत्त व प्रेम गौतम ने कहा के महिला सशक्तिकरण व नारी उत्थान के नारे देने वाली केंद्र सरकार ने गरीबों व महिलाओं को हालिया अंतरिम बजट में आर्थिक तौर पर कमजोर किया है। सरकार ने मनरेगा के बजट में भारी उदासीनता दिखाई है।

सिर्फ कारोवारियों का टैक्स माफ
श्याम ठाकुर व राजन गोयल ने कहा के मजदूरों व कर्मचारियों के लिए खजाना खाली होने का रोना रोने वाली केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों से लाखों करोड़ रुपए के बकाया टैक्स को वसूलने पर एक शब्द तक नहीं बोला है। इसके विपरीत पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटा दिया गया है।


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