चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ मार्च, पंजाबी मंच ने मातृभाषा पंजाबी को पहली-प्रशासनिक भाषा का दर्जा देने की उठाई मांग

By: Feb 22nd, 2024 12:06 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — चंडीगढ़

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर चंडीगढ़ पंजाबी मंच ने बुधवार को यूटी चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ एक विरोध मार्च निकाला गया, जिसमें शामिल पंजाबी समर्थकों ने मांग की कि इस क्षेत्र की मातृभाषा पंजाबी को चंडीगढ़ में पहली और प्रशासनिक भाषा का दर्जा दिया जाए। मंच के अध्यक्ष सुखजीत सिंह सुखजीत सिंह सुखा, महासचिव कामरेड देवी दयाल शर्मा, सचिव गुरप्रीत सिंह सोमल, कैशियर शरणजीत सिंह बैदवान रायपुर कबीले के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पंजाबी समर्थक सेक्टर 34 स्थित गुरुद्वारा श्रीगुरु तेग बहादुर साहिब के बाहर एकत्र हुए, जहां से एक बड़ी चाल काफिले के रूप में मिली। शहर के विभिन्न सेक्टरों और गांवों से गुजरते हुए यह शांतिपूर्ण विरोध मार्च गांव खुड्डा अलीशेर के गुरुद्वारा साहिब में समाप्त हुआ। विरोध मार्च की शुरुआत में बोलते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि वे किसी अन्य भाषा के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इस चंडीगढ़ क्षेत्र की मातृभाषा पंजाबी को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं।

केंद्र सरकार यहां मातृभाषा को भूलकर जबरन अंग्रेजी भाषा थोप रही है, जबकि अंग्रेजी बोलने वाले लोग ही यहां नहीं रहते। चंडीगढ़ पंजाबी मंच पिछले काफी समय से पंजाबी भाषा लागू करने को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। समय-समय पर प्रशासनिक अधिकारियों को मांग पत्र भी दिया जाता है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। आज एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर यूण्टीण् मंच द्वारा यह विरोध मार्च चंडीगढ़ प्रशासन को प्रोत्साहित करने के लिए निकाला गया है ताकि मातृभाषा पंजाबी की आवाज प्रशासन के मूक.बधिर अधिकारियों के कानों तक पहुंच सके।


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