परीक्षाओं के दौरान बच्चों को दें पौष्टिक आहार

By: Feb 24th, 2024 12:14 am

परीक्षाओं के दौरान बच्चों पर पढ़ाई का तनाव बढ़ जाता है और अनियमित दिनचर्या से बच्चों की भूख अकसर कम हो जाती है। ऐसे में पौष्टिक आहार बच्चे को ज्यादा सजग, ज्यादा तीक्ष्ण बुद्धि और ज्यादा ऊर्जावान बनाए रख सकता है, जबकि दूसरी ओर अनुचित भोजन उनको सुस्त और चिड़चिड़ा बना सकता है…

अब जबकि परीक्षाएं शुरू होने ही वाली हैं, ऐसे में भोजन या आहार को सबसे कम प्राथमिकता मिलती है, लेकिन याद रखें कि यह बड़ी मानसिक थकान का समय होता है, जब क्षमताएं मजबूत बनाए रखना बहुत जरूरी है। सही भोजन आपके बच्चे को ज्यादा सजग, ज्यादा तीक्ष्ण बुद्धि और ज्यादा ऊर्जावान बनाए रख सकता है, जबकि दूसरी ओर अनुचित भोजन उनको सुस्त और चिड़चिड़ा बना सकता है। ऐसे में परीक्षा में सफलता पाने के लिए बच्चों को सही आहार देने के लिए कुछ आसान सुझाव यहां बताए जा रहे हैं।
पौष्टिक नाश्ता
दिन भर बच्चों को ऊर्जा से भरपूर रखने के लिए पौष्टिक नाश्ते से शुरुआत करें। इससे उनको पढ़ाई करने व ध्यान केंद्रित करने के लिए लगातार ऊर्जा मिलती रहेगी। आप बच्चे को नाश्ते में अंडा, पोहा, ओट्स, उपमा, इडली व खिचड़ी आदि दे सकते हैं, जिनमें ग्लाइसेमिक की मात्रा कम हो और शरीर को पर्याप्त ग्लूकोज मिलता रहे। अधिक तेल में बनने वाली चीजें जैसे कि पूरी, परांठे आदि से परहेज करें, तो बेहतर होगा,क्योंकि इसे खाने से बच्चे को थकावट और नींद महसूस होने के कारण पढ़ाई में दिक्कत आ सकती है।
स्मार्ट स्नैकिंग
घंटों पढ़ाई करने के दौरान अकसर बच्चों की स्नैक्स खाने की इच्छा होती है। ऐसे में स्वास्थ्यप्रद स्नैक्स महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे बच्चों को निरंतर ऊर्जा देते हैं। एक मु_ी गिरीदार मेवे जैसे कि बादाम चुनें। ये फाइबर और प्रोटीन जैसे अनिवार्य पोषक तत्त्वों से भरपूर, कभी भी खाने योग्य सुविधाजनक स्नैक्स हैं। केक, बिस्कुट, चॉकलेट और मिठाईयों में बड़ी मात्रा में रिफाइंड चीनी होती है, जो खाने के बाद मिठास देती है, लेकिन थोड़ी ही देर में इससे बच्चों को थकावट और सुस्ती लगने लगती है।
डिहाइड्रेशन
डिहाइड्रेशन बच्चे को आलसी, चिड़चिड़ा और थका हुआ बना सकता है। सबसे खराब बात ये है कि इससे उसकी एकाग्रता प्रभावित होती है, जिससे पढ़ाई करना और कठिन हो जाता है। पढ़ाई करते समय एक गिलास पेय (ताजा नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, फलों का रस)अपनी आसान पहुंच में रखें। इसके अलावा चाय, कॉफी आदि कैफीनयुक्त पेय तथा सोडायुक्त पेय आदि की मात्रा सीमित रखने की कोशिश करें, क्योंकि ये मूत्रत्याग बढ़ाते हैं और पानी की कमी करते हैं। लगातार ऊर्जा पाने के लिए और दिमाग शांत रखने के लिए बच्चों को छोटी-छोटी मात्राओं में नियमित रूप से खाना दें। एक साथ बड़ी मात्रा में भोजन न खाने दें।


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