आसान नहीं सियासी पिच पर नेताओं की बैटिंग; भाजपा को बगावत का खौफ, तो कांग्रेस को दमदार चेहरे की चिंता

By: Mar 29th, 2024 12:08 am

हमीरपुर। अणु चौक पर राजेंद्र राणा को काले झंडे दिखाते कांग्रेस कार्यकर्ता

विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव में भाजपा को बगावत का खौफ , तो कांग्रेस को दमदार चेहरे की चिंता

विशेष संवाददाता — शिमला

हिमाचल उपचुनाव के महामुकाबले में सियासी विकेट पर बैटिंग सहज नहीं है। धुआंधार ओपनिंग के साथ बवाल काटने की कोशिश में ताजा-ताजा भाजपा नेताओं को कड़े विरोध का भी सामना करना पड़ा है, तो पहले ही दिन छह हलकों में कांग्रेस के हालात भी सबके सामने आ गए हैं। नालागढ़ से धर्मशाला तक आंसुओं का सैलाब भी नेताओं की आंखों से छलकता नजर आया। भीगी आंखों से नेता अपनों को जीभर कोसते भी दिखे। बागियों और निर्दलीयों को गले लगाने के बाद बदले हालातों में पहाड़ को नापने की राह में फूल कम कांटे ज्यादा बिखरने लगे हैं। ऊना से लेकर हमीरपुर, कांगड़ा से लेकर लाहुल-स्पीति मेंं बगावत इसकी तसदीक कर रही है। नुकसान की संभावनाओं से सतर्क भाजपा ने उपचुनाव से जुड़े सभी नौ हलकों में डैमेज कंट्रोल की कोशिशें छेड़ दी हैं। आला नेताओं को मान-मनौव्वल के मोर्चे पर झोंक तो दिया गया है, लेकिन बगावत आसानी से शांत होगी, दावा नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के लिए सभी छह सीटों पर उम्मीदवारों की तलाश है। कांग्रेस के पास सेकेंड लाइन में बड़े चेहरों की कमी अब प्रत्याशी चयन में आड़े आ रही है। कुटलैहड़ में भाजपा के लिए बड़ी चुनौती अपने कद्दावर नेता पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को मनाने की है। कांग्रेस से बगावत कर आए भुट्टो को टिकट देने से वीरेंद्र आहत हैं। भाजपा भी भुट्टो के साथ खुलकर चलने से बच रही है। कांग्रेस में प्रदेश महासचिव विवेक शर्मा, देशराज मोदगिल व देशराज गौतम टिकट की दौड़ में हैं। बड़ा फैसला लेने की स्थिति में कंवर का विकल्प भी पार्टी ने खुला रखा है। उधर, उपचुनाव की जंग धर्मशाला में भाजपा के लिए आसान रहने वाली नहीं है। सुधीर को टिकट देने पर विरोध-बगावत के सुर उठने लगे हैं।

पूर्व प्रत्याशी राकेश चौधरी इस्तीफा दे चुके हैं। सांसद किशन कपूर बागी तेवरों के साथ हमलावर हैं। सुधीर के खिलाफ चुनाव लड़ चुके किशन कपूर, विशाल नैहरिया, राकेश चौधरी को साधना आसान नहीं होगा। कांग्रेस के लिए पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी, बीसीसी अध्यक्ष हरभजन सिंह भज्जी व विजय कर्ण टिकट की दौड़ में हंै। इसी तरह, गगरेट में बागी चैतन्य को टिकट देने पर पूर्व विधायक राकेश कालिया समेत मंडल भाजपा, युवा मोर्चा व महिला मोर्चा के कई सदस्य इस्तीफा दे चुके हैं। पूर्व विधायक राजेश ठाकुर की चुप्पी भी संदेहास्पद बनी है। भितरघात की संभावना पार्टी को परेशान कर रही है। उधर, बड़सर विस क्षेत्र में इंद्रदत लखनपाल के लिए भाजपा में दोहरी चुनौती होगी। यहां पूर्व सीएम धूमल के करीबी पूर्व विधायक बलदेव शर्मा को साधना और भाजपाइयों को एक सूत्र में पिरोना होगा। भाजपा की गुुटबाजी उनके लिए चुनौती बनेगी। इसी बीच, सुजानपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र राणा के सामने 2022 के प्रतिद्वंद्वी कैप्टन रणजीत राणा ताल ठोंकने का दम भर चुके हैं। पूर्व सीएम धूमल समर्थकों और मंडल भाजपा का खुले दिल से साथ पाना उनके लिए चुनौती से कम नहीं होगा। उधर, रवि ठाकुर को टिकट देने पर पूर्व मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने उपचुनाव लडऩे का ऐलान भी कर दिया है। कांग्रेस की नजर भी उन पर है। दोनों दलों में इस्तीफों से शीत मरुस्थल सियासी गरमाहट का एहसास करा रहा है।


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