फाइलों में बनी भुंतर-मणिकर्ण डबललेन सडक़, धरातल पर कुछ नहीं हुआ

By: Mar 31st, 2024 12:14 am

हर बार नेता चुनावों में बनाते हैं मुद्दा, झूठी घोषणाओं तक सिमटा मणिकर्ण का विकास, सडक़ तंग होने के चलते रोज लगता है जाम, पर्यटक हो रहे परेशान

कार्यालय संवाददाता-कुल्लू
एक दशक में मंडी संसदीय क्षेत्र के भाजपा और कांग्रेस के सांसद केंद्र से भुंतर-मणिकर्ण डबललेन सडक़ की फाइनल अप्रुवल नहीं करवा पाए। 10 सालों में दो बार आम लोकसभा चुनाव और एक बार उपचुनाव हुआ, जिसमें भुंतर-मणिकर्ण सडक़ को डबलेन करने का दोनों पार्टियों के नेताओं ने शोर डाला। जनता के बीच अपने भाषणों में घोषणाएं और दावे किए, लेकिन धरातल पर अब तक प्रोजेक्ट उतर नहीं पाया है। 2014 से डबललेन करने का हो हल्ला शुरू हुआ था। प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा की सरकारें रहीं। लेकिन दोनों पार्टियों की सरकारें भी मंजूरी मिलने का दावा ही करती रहीं। लिहाजा, नेता जनता से लोकसभा, विधानसभा चुनाव में डबललेन सडक़ के नाम पर वोट बटोंरते गए, लेकिन जनता को झूठे आश्वासनों में रखा है। भाषणों और दावों में ही भुंतर-मणिकर्ण डबललेन सडक़ का मुद्दा गौण होता गया।

विकास में नाकाम सांसद-हिमाचल सरकारें
1985 के दशक से ही पयर्टक व धार्मिक श्रद्धालुओं का आवागमन घाटी की ओर हो रहा है। लेकिन पर्यटन स्थल विकसित करने में सरकार नाकाम साबित हुई है। विभिन्न मंचों से भले ही मौजूदा सरकार पर्यटन विकसित करने की बात कर रही होंगी। लेकिन धरातल कुछ भी कार्य नहीं हो पा रहा है। संकरे मार्ग से जाम की स्थिति से घाटीवासी व देश-दुनिया से आने वाले हजारों-लाखों पर्यटक गुजर रहे हैं। 2014 और 2019 में मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद स्व. रामस्वरूप शर्मा दो बार बने थे तो केंद्र में भाजपा सरकार बनी। इनके कार्यकाल में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत इस सडक़ को डबललेन करने के दावे होते रहे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। हालांकि दूसरी बार सांसद बनने के बाद अचानक सांसद रामस्वरूप शर्मा का देहांत हो गया। वहीं, इनके देहांत के बाद भारत माला प्रोजेक्ट भी गायब हो गया। योजना धरी की धरी रह गई।

भारत माला में मंजूरी का हुआ था दावा
भुंतर-मणिकर्ण सडक़ को भारत माला परियोजना के तहत केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा 430 करोड़ की राशि जारी करने का भी दावा किया गया था, लेकिन इसकी फाइल पूरी तरह से दफन हुई और फाइल से प्रोजेक्ट ही गायब हो गया। सडक़ को डबललेन करने के लिए भूमिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हुई थी। वहीं, 682 घरों को चिन्हित किया गया था। लेकिन प्रक्रिया भी फाइलों तक ही सिमटी रही। अब यह भी बात हो रही है कि लोक निर्माण विभाग ने 33 किलोमीटर लंबी हाथीथान-मणिकर्ण सडक़ को डबललेन करने के लिए 78.15 डीपीआर तैयार की है। डीपीआर की फाइल सरकार को अनुमति के लिए भेजी है। अब यह योजना कितनी सफल होती है, इसका जनता को इंतजार हैं।

सांसद प्रतिभा सिंह ने भी नहीं ली सुध
सांसद रामस्वरूप शर्मा के देहांत के बाद मंडी संसदीय सीट पर उपचुनाव हुए। इस उपचुनाव में कांग्रेस से प्रतिभा सिंह और भाजपा से ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर चुनावी दंगल में उतरे और दोनों ने मणिकर्ण सडक़ को डबललेन करने का वादा किया था। वहीं, इस चुनावी रण में प्रतिभा सिंह ने जीत दर्ज की और सांसद बनीं, लेकिन सांसद प्रतिभा सिंह भी इस सडक़ को डबललेन करने में कामयाब नहीं हुईं। मणिकर्ण तक सडक़ पहुंचे कई दशक बीत गए हैं, लेकिन इस संकरे मार्ग को खुला करने के लिए आज तक सिर्फ योजना ही बनती गई। नेता यहां के लोगों को खासकर चुनावी बेला के दौरान दावा करते हैं कि सत्ता में आते ही सडक़ को खुला किया जाएगा, लेकिन नेताओं के दावों के तब हवाई साबित होते हैं, जब पांच साल बीते जाने के बाद भी योजना धरातल पर नहीं उतर पाती है। लिहाजा, फाइलों में ही योजना दफन हो जाती है।


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