भाजपा जीत के लिए तैयार, कांग्रेस को ‘योद्धा’ का इंतजार

By: Mar 19th, 2024 12:55 am

लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों दलों ने कसी कमर, बीजेपी सुरेश कश्यप पर खेलेगी दांव, 2019 में भाजपा को 66.24 फीसदी तो कांग्रेस को 30.45 प्रतिशत मत मिले
दिव्य हिमाचल ब्यूरो- नाहन
लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। चुनावी मैदान में उतरने के लिए बिसात बिछाई जा रही है। प्रदेश के दो मुख्य राजनीतिक दल भाजपा व कांग्रेस के अलावा अन्य छोटे दलों की सरगर्मियां भी लोकसभा चुनाव को लेकर बढ़ गई हैं। भले ही अभी चुनाव मैदान में भाजपा के शिमला लोकसभा सीट से घोषित प्रत्याशी व वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप के सामने कांग्रेस व अन्य दलों के कौन-कौन प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगे यह स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है, परंतु किसी समय कांग्रेस का एक मजबूत गढ़ माना जाने वाला शिमला लोकसभा क्षेत्र पर भाजपा चौका लगाने के मूड़ में है। बीते तीन लगातार लोकसभा चुनाव 2009, 2014 व 2019 के चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत मिली है। शिमला लोकसभा सीट से कांगे्रस अभी अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं कर पाई है। ऐसे में भाजपा इस बात का भी फायदा उठा रही है कि जब तक कांग्रेस के उम्मीदवार का ऐलान नहीं हो जाता तब तक भाजपा के प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने सिरमौर जिला से जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। बीते तीन लोकसभा चुनाव की यदि बात की जाए तो वर्ष 2009 से लगातार भारतीय जनता पार्टी का वोट प्रतिशत शिमला लोकसभा सीट में बढ़ रहा है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार वीरेंद्र कश्यप विजयी रहे थे।

वीरेंद्र कश्यप को 28 प्रतिशत मत मिले थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में वीरेंद्र कश्यप को 310946 मत प्राप्त हुए थे। कांग्रेस को 2009 में 25.63 प्रतिशत मत मिला था। कांग्रेस के कर्नल धनीराम शांडिल को 283,619 मत मिले थे, परंतु उन्हें अपनी दो बार की सीट गंवानी पड़ी थी। इससे पूर्व 2004 में धनीराम शांडिल कांग्रेस से विजयी रहे थे, जबकि 1999 के लोकसभा चुनाव में धनीराम शांडिल ने हिमाचल विकास कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की। इस चुनाव में भी बीजेपी का शिमलाकी 17 विधानसभा सीटों से 33.47 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। कांग्रेस की ओर से वर्ष 2014 के चुनाव में फेरबदल किया गया तथा कर्नल धनीराम शांडिल के स्थान पर मोहन लाल ब्राक्टा को चुनावी मैदान में उतारा गया। कांग्रेस के उम्मीदवार मोहन लाल ब्राक्टा को 2014 में 26.17 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। भाजपा के वीरेंद्र कश्यप को 385973 वोट, जबकि कांग्रेस के मोहन लाल ब्राक्टा को 301786 वोट मिले थे। गत 2019 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश भर में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर चली तो हिमाचल के चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा के सभी प्रत्याशी दो-दो लाख से भी अधिक मतों से विजयी रहे थे। शिमला लोकसभा के वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो भाजपा को भारी समर्थन इस सीट से मिला था।

सुरेश कश्यप को 2019 में 6,06,182 वोट मिले
उधर, सुरेश कश्यप को अब तक के शिमला लोकसभा के सर्वाधिक 6,06,182 वोट प्राप्त हुए थे। यह कुल मतों का 66.24 प्रतिशत था। कांग्रेस को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 33.45 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। शिमला लोकसभा बीते 2004 से पूर्व कांग्रेस का गढ़ रहा था। 2004 के चुनाव में कांग्रेस मत प्रतिशत में भाजपा से काफी आगे थी। वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 43.4, हिमाचल विकास कांग्रेस को 52.78 प्रतिशत मत मिले थे। वर्ष 1999 के लोकसभा में हिमाचल विकास कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में कर्नल धनीराम शांडिल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गंगूराम मुसाफिर को मात दी थी।


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