डलहौजी के जंगलों मे बुरांस के पेड़ खाली
तापमान में उतार-चढ़ाव और बदलते मौसम से बुरांस के फूलों की मात्रा में आई कमी
स्टाफ रिपोर्टर-डलहौजी
पर्यटक नगरी डलहौजी में इस वर्ष मार्च और अप्रैल माह के दौरान जंगलों में अपनी लालिमा बिखेरने वाले बुरांस के फूल इस बार बहुत कम मात्रा में खिले हैं। स्थानीय लोग इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम बता रहे हैं। लिहाजा तापमान में उतार-चढ़ाव और बदलते मौसम के मिजाज का खामियाजा बुरांस के फूल को भुगतना पड़ा है। स्थानीय लोगों के अनुसार किसी वर्ष बारिश व बर्फबारी की कमी के कारण इनमें रसीलेपन का अभाव हो जाता है वहीं इस वर्ष पर्यटक नगरी मे विंटर सीजन के दौरान बहुत कम बर्फबारी हुई है। नतीजन इस वर्ष डलहौजी के जंगलों मे बुरांस से लकदक रहने वाले पेड़ खाली नजर आ रहे हैैं। हालांकि बीते वर्ष विंटर सीजन मे अच्छी बर्फबारी होने काफी संख्या में बुरांश के फूल खिले थे, लेकिन इस बार फूलों की संख्या काफी कम है।
स्थानीय लोगों की मानें तो इस वर्ष विंटर सीजन मे बर्फबारी न होना भी बुरांस के फूल न खिलने का कारण बता रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बुरांस के फूलों का सवाद खट्टा-मीठा होता है बुरांस के फूलों से बना शर्बत हृदय रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसके साथ ही स्थानीय लोग इनकी पंखुडिय़ों का इस्तेमाल स्क्वैश और जैम बनाने में करते हैं। लोग बुरांस के फूलो से चटनी बनाकर खाने का जायका भी बढ़ाते हैं।
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