मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश, अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राजस्व अदालतें

By: Mar 29th, 2024 12:05 am

ऑनलाइन सुने जाएंगे म्यूटेशन-डीमार्केशन-पार्टीशन केस

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला

हिमाचल में हाई कोर्ट और जिला न्यायालयों के अलावा अब राजस्व अदालतें भी अब वीडियो कान्फे्रंसिंग का इस्तेमाल करेंगी। इस बारे में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से फाइनांशियल कमिश्नर अपील्स, डायरेक्टर लैंड रिकार्ड, सभी मंडल आयुक्त, बंदोबस्त अधिकारियों, जिलाधीशों, एसडीएम तथा तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को लिखित आदेश जारी हुए हैं। कुलदीप सिंह बनाम हिमाचल सरकार केस में कोर्ट से आई हिदायत के बाद राज्य सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है। मुख्य सचिव ने अपने आदेशों में कहा है कि राजस्व अधिकारी अब अन्य प्रशासनिक कार्यों के बहाने रेवेन्यू कोर्ट का काम नहीं रोकेंगे। राज्य सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश लैंड रिवेन्यू अमेंडमेंट एक्ट 2023 में किए गए प्रावधानों के अनुसार रेवेन्यू मामलों की सुनवाई होगी। इस संशोधन के जरिए राज्य सरकार ने राजस्व मामलों की सुनवाई की अवधि तय की थी। इस अवधि का पालन सबको करना होगा। राज्य सरकार ने कहा है कि हफ्ते में कम से कम तीन दिन राजस्व अदालत लगे और गैर जरूरी स्थगन से परहेज किया जाए। इसके साथ ही एक आदेश यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिविल रिट पिटिशन 360/2021 में दिए गए निर्देशों के अनुसार राजस्व अदालतों में भी वीडियो कान्फे्रंसिंग का इस्तेमाल किया जाए। वित्त आयुक्त अपील, मंडल आयुक्त और सेटलमेंट अधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे कि जहां दूरदराज के क्षेत्र से लोगों का हर सुनवाई में आना संभव न हो, उनको वीडियो कान्फे्रंसिंग के जरिए सुनवाई से जोड़ा जाए, ताकि केस में फैसला देने में ज्यादा समय नहीं लगे। वीडियो कान्फे्रंसिंग का इंतजाम करने के लिए प्रशासनिक अमले का इस्तेमाल किया जा सकता है।

हर महीने की आखिरी तारीख को लगती हैं लोक आदालतें

राज्य सरकार लंबित राजस्व मामलों को निपटाने के लिए पहले ही हर महीने की आखिरी तारीख को लोक अदालतों का आयोजन करती है। इसके बावजूद कुलदीप सिंह बनाम हिमाचल सरकार के मामले में कोर्ट ने राजस्व अधिकारियों के स्तर पर लापरवाही को इंगित किया है। इसी कारण मुख्य सचिव को कोर्ट के निर्देशों के बाद ये निर्देश जारी करने पड़े।


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