मोटा अनाज पौष्टिक तत्वों से भरपूर

By: Mar 11th, 2024 12:16 am

सीडीपीओ सुजानपुर कुलदीप सिंह चौहान ने राष्ट्रीय पोषण पखवाड़े के दौरान बताया महत्व

निजी संवाददाता-सुजानपुर
कुपोषण संपूर्ण विश्व के सामने एक बड़ी चुनौती है। भारत सहित अधिकतर विकासशील देशों में तो यह स्वीकार्य सीमा से कहीं अधिक है। 2030 तक वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु इसे लक्षित सीमाओं के भीतर सीमित करने के लिए एक उत्तरदायी राष्ट्र के रूप में हम वचनबद्ध हैं। दुर्भाग्यवश अधिकतर मामलों में कुपोषण भोजन की कमी से न होकर पोषण के प्रति हमारे ज्ञान, विशेषकर सूक्ष्म पोषक तत्वों के बारे में हमारी समझ के अभाव में है। अत: ऐसी अवस्था में पोषण सेवा उपलब्ध कराने वालों (सर्विस प्रोवाइडर्स) विशेषकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं सक्षम आंगनबाड़ी सेवा के अंतर्गत वृत्त पर्यवेक्षकों (सुपरवाइजर) के गृह भ्रमण का महत्व बढ़ जाता है। गृह भ्रमण लाभार्थियों से सीधे संपर्क करने, देखभालकर्ताओं, परिवारों की पोषण समझ को जानने, उन्हें जागरूक करने, दिए गए निर्देशों एवं सुझावों पर फॉलोअप लेने तथा पोषण प्रगति पर फीडबैक लेने का महत्वपूर्ण साधन हैं।

उक्त जानकारी देते हुए सीडीपीओ सुजानपुर कुलदीप सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण पखवाड़े केतहत जनमानस को जागृत करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं के गृह भ्रमण को जागरूकता के एक महत्वपूर्ण उपकरण (साधन) के रूप में स्थान दिया गया है। उन्होंने बताय कि सुपर फूडश् एवं स्मार्ट फूडश् के नाम से विख्यात हो रहे हमारे परंपरागत मोटे अनाज सूक्ष्म पोषक तत्वों से परिपूर्ण है तथा कुपोषण से लडऩे के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि अध्ययन बताता है कि इन मोटे अनाजों का प्रयोग बच्चों और किशोरों के विकास में 26 फीसदी से 39 फीसदी तक तेजी ला सकता है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं किशोरों के लिए भी मोटा अनाज समान रूप से लाभदायक है क्योंकि यह न केवल इनकी पोषण आवश्यकताओं की पूर्ति करता है अपितु टाइप टू डायबिटीज में लाभ पहुंचाता है। खून की कमी को पूरा करता है, कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है।


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