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कांग्रेस खोया वर्चस्व हासिल करने, भाजपा चौका…

By: Mar 30th, 2024 12:08 am

सूरत पुंडीर — नाहन

देश भर के साथ हिमाचल प्रदेश में भी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों की सरगर्मियां गति पकडऩे लगी हैं। चार लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के मजबूत गढ़ के रूप में वर्ष 2009 तक स्तंभ माने जाने वाले शिमला लोकसभा क्षेत्र में वर्तमान सरकार अपना खोया हुआ वर्चस्व वापस हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास करने के मूड में है। दूसरी ओर शिमला लोकसभा से वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप दूसरी बार जीत का परचम लहराने के लिए शिमला लोकसभा के कुल 17 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर अभिनंदन कार्यक्रम में शामिल होकर जनसंपर्क का श्रीगणेश कर चुके हैं। भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि देश भर में जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में मोदी लहर तीसरी बार के लिए चल रही है, तो शिमला लोकसभा सीट पर भाजपा फिर से चौका लगाने के मूड़ में है। शिमला लोकसभा वर्ष 2009 से भारतीय जनता पार्टी के पास है। वर्ष 2009 में भारतीय जनता पार्टी के वीरेंद्र कश्यप को शिमला लोकसभा सीट से 310946 मत पड़े थे। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद कर्नल धनीराम शांडिल को पराजित किया था।

धनीराम शांडिल को वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में 283619 मत पड़े थे। मत प्रतिशतता की यदि बात की जाए, तो भाजपा व कांग्रेस ने वर्ष 2009 के चुनाव में अधिक अंतर नहीं था। भाजपा को 28 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि कांग्रेस को 25.63 मत प्राप्त हुए थे। वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने तत्त्कालीन सांसद वीरेंद्र कश्यप पर ही विश्वास जताते हुए उन्हें चुनाव मैदान में उतारा था। वीरेंद्र कश्यप को इस चुनाव में भी आसान जीत मिल गई थी। वीरेंद्र कश्यप को वर्ष 2014 में 385943 मत मिले थे। यह कुल मतदान का 33.47 प्रतिशत था।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदवार बदलते हुए मोहनलाल ब्राक्टा को चुनाव मैदान में उतारा था। मोहनलाल ब्राक्टा को इस चुनाव में 26.17 प्रतिशत मिले थे। वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने तत्कालीन हिमाचल विधानसभा के सदस्य व सिरमौर जिला के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुरेश कश्यप को लोकसभा का टिकट थमा दिया, क्योंकि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी तथा केंद्र में नरेंद्र मोदी की लहर दोनों का फायदा सुरेश कश्यप को मिला। इस चुनाव में सुरेश कश्यप को शानदार जीत हासिल हुई। सुरेश कश्यप को 606182 मत मिले थे, जो कुल मत का 66.24 प्रतिशत था। कांग्रेस ने कर्नल धनीराम शांडिल को चुनाव मैदान में उतारा था, परंतु कर्नल धनीराम शांडिल को करारी मात झेलनी पड़ी थी। सुरेश कश्यप ने यह चुनाव 3.28 लाख से भी अधिक मतों से जीता था। ऐसे में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्त्व ने वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप पर फिर से विश्वास जताते हुए उन्हें वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस पार्टी अभी तक शिमला लोकसभा से उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाई है, जो कांग्रेस के लिए आने वाले चुनाव में नुकसानदायक भी हो सकता है। (एचडीएम)

2019 में मिली जीत कायम रखने को हरसंभव प्रयास

शिमला लोकसभा में कुल 17 विधानसभा सीटें हैं। इन विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास 13 सीटें वर्तमान में हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास तीन सीटों पर वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी। नालागढ़ से आजाद उम्मीदवार के रूप में विधायक केएल ठाकुर भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत को कायम रखने के लिए हरसंभव प्रयास में लग रही है।


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