त्रियूंड में देश भर के दिव्यांगों ने की ट्रैकिंग

By: Mar 28th, 2024 12:10 am

धर्मशाला में भारत के 10 राज्यों के 45 दिव्यांगों ने पांच दिवसीय कार्यशाला में लिया हिस्सा

स्टाफ रिपोर्टर-धर्मशाला
सेंस इंडिया इंटरनेशनल के सौजन्य से कॉर्ड प्रशिक्षण केंद्र सिद्धबाड़ी धर्मशाला में भारत के 10 राज्यों असम केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश से 45 दिव्यांग व्यक्ति उनके माता-पिता व विशेष शिक्षकों की पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कॉर्ड प्रशिक्षण केंद्र सिद्धबाड़ी धर्मशाला में शिविर आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में सेंस इंडिया इंटरनेशनल के राष्ट्रीय नेटवर्क उड़ान, प्रयास व अभिप्रेरणा के कार्यकारिणी सदस्यों ने भाग लिया। इस कड़ी में दिव्यांग प्रतिभागियों ने त्रियूंड ट्रैक पूरा किया, जो कि अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना से कम नहीं है। इसमें विभिन्न राज्यों के दिव्यांगों में बिनोंग, गोविंदा, प्रभाकरन, तरुण, नासिर, सुरेश, अमुरगम, आयुष, निधिनराज, गंगा और तमिलसेल्वी ने सभी कठिनाइयों को पूरा करते हुए इस कठिन ट्रेक को पूरा किया, जिसको करने में अनेक सक्षम व्यक्ति भी कतराते हैं।

इसमें उनकी सहयाता के लिए महेश, किरण, ईश्वर, शैलेन्द्र, चंद्रशेखर, विनय कुमार और अरुण उनके साथ थे। साथ में लोकल ट्रेकिंग गाइड्स संदीप, रजत और रजनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। बधिरांन्त (डेफ ब्लाइन्ड ) दिव्यांगता के बावजूद इन डेफ ब्लाइन्ड व्यक्तियों ने अपनी दृढ़ता का परिचय देते हुए धौलाधार की पहाडिय़ों के त्रियूंड ट्रैक को एक दिन में पूरा किया, जो कि अपने आप में एक मिसाल से कम नहीं है। इंसान में अगर हौसला और कुछ कर दिखने की चाह हो तो वो अपनी इच्छा शक्ति से कुछ भी हासिल कर सकता है। यह प्रतिभागियों से हमें सीखने को मिलता है। कॉर्ड बधिरान्त (डेफ ब्लाइन्ड ) व्यक्तियों के लिए सेंस इंडिया इंटरनेशनल के सहयोग से स्टेट रिसोर्स सेंटर के रूप में काम कर रहा है। कॉर्ड के समुदाय आधारित समावेश एवं विकास कार्यक्रम से अभी तक 14 बधिरांत (डेफ ब्लाइन्ड ) लोग जुड़ चुके हैं। कॉर्ड से हिमाचल प्रदेश बधिरान्त (डेफ ब्लाइंड) बच्चों के माता-पिता व गैर सरकारी संस्थाएं उनके पुनर्वास के लिए संपर्क कर सकते हैं।


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