कान की समस्या को न करें नजरअंदाज

By: Mar 9th, 2024 12:14 am

यदि कानों को लेकर किसी भी प्रकार की समस्या है या फिर कान के अंदर मैल भरा हुआ
है तब आपको किसी ईएनटी डाक्टर के पास जाना चाहिए। कानों की सफाई के लिए कम से कम छह महीने से लेकर डेढ़ साल के बीच में डाक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए…

हम अपनी आंखों और दांतों का पूरी तरह से ध्यान रखते हैं। ये स्वस्थ रहें इसके लिए इनकी समय-समय पर जांच भी करवाते हैं। इनकी तरह ही हमारे कान भी शरीर का महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इसके बावजूद हम उन पर ध्यान नहीं देते, बल्कि अपनी आदतों और लापरवाही से उन्हें नुकसान पहुंचाते रहते हैं। इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कान में दर्द, सूजन, संक्रमण, कान बहना, कान के पर्दे फटना आदि। इसलिए कानों की सेहत पर नियमित रूप से ध्यान देना जरूरी है।

इनसे कानों को होगा नुकसान
कई प्रकार की लापरवाहियों के कारण चोट, संक्रमण, ज्यादा हेडफोन लगाने, कॉटन या अंगुली को कान में डालने पर कान में बाहर की तरफ संक्रमण या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। कई बार कान के अंदर की त्वचा छिल जाने के कारण भी संक्रमण हो सकता है। वहीं, कानों में कई बार हवा का अत्यधिक दबाव, कान का मैल, साइनस का संक्रमण, कान में शैम्पू या पानी चला जाना, कानों में किसी अन्य माध्यम से सफाई करने पर और अंदर चोट लगने के कारण नुकसान पहुंच सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान
कानों की सफाई रखना बहुत जरूरी है, लेकिन इसके लिए खुद ही अलग-अलग तरीके से प्रयास नहीं करना चाहिए। दूसरी तरफ, कई बार लोग बिना सोचे-समझे कहीं भी कानों की सफाई करवा लेते हैं, जिन्हें न जानकारी होती है और न कोई अनुभव होता है। कान साफ करने की सेवा देने वाले लोगों की कमी नहीं है। ये कहीं भी मिल जाएंगे। ऐसे अज्ञानी लोग कान के वैक्स को गंदगी बताते हैं और इस तरह से कई प्रकार की गंभीर बीमारी होने की बात कहकर आपको डरा भी देते हैं। ऐसे में अधिकांश लोग उनसे कान साफ करवाने के लिए तैयार भी हो जाते हैं। परंतु इससे कान के पर्दों में छेद भी हो सकता है। ये वैक्स किसी भी तरह के संक्रमण को रोकने में मदद करता है। इससे बाहर के धूल और मिट्टी के कण कानों में नहीं जाते हैं। यदि कानों को लेकर किसी भी प्रकार की समस्या है या फिर कान के अंदर मैल भरा हुआ है तब आपको किसी ईएनटी डाक्टर के पास जाना चाहिए। कानों की सफाई के लिए कम से कम छह महीने से लेकर डेढ़ साल के बीच में डाक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए।

शोर से बढ़ती है समस्या
आजकल लोग गाने सुनने के लिए कानों की सेहत को भूल जाते हैं। ईयरफोन या हेडफोन लगाकर ऊंची आवाज में गाने सुनते हैं और लंबे समय तक इनका उपयोग करते हैं। इस शोर से कानों को हानि पहुंच सकती है। ज्यादा देर तक कानों में ईयरफोन लगाकर न रखें।

तकलीफ को न करें नजरअंदाज
अगर आपके कानों में ज्यादा तेज दर्द है, कान लगातार बह रहा है, किसी एक कान से सुनाई नहीं दे रहा या अन्य प्रकार की समस्या है, तब तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। इसके लिए डाक्टर कुछ एंटीबायोटिक दवाइयां व ईयर ड्रॉप्स दे सकते हैं। यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि डाक्टर ने आपको जितने दिनों के लिए दवाइयां दी हैं, उसमें आपको कमी नहीं करनी है। बीच में दवाइयां लेनी बंद नहीं करनी है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App