गगरेट में स्थगित करना पड़ा चुनाव

By: Mar 20th, 2024 12:16 am

नगर पंचायत गगरेट अध्यक्ष पद इलेक्शन को पहुंचे सात में से 6 पार्षद, चुनाव अधिकारी बोले, चुनाव आयोग से नहीं मिली है इजाजत

स्टाफ रिपोर्टर-गगरेट
नगर पंचायत गगरेट के अध्यक्ष पद के चुनाव में प्रशासनिक अमले ने ऐसी अपरिपक्वता का परिचय दिया कि हर तरफ प्रशासनिक कारगुजारी की आलोचना हो रही है। नगर पंचायत गगरेट के अध्यक्ष सुरेंद्र जसवाल तोतू द्वारा निजी कारणों से त्याग-पत्र देने के बाद बकायदा प्रशासन द्वारा पार्षदों को पत्र जारी करके अध्यक्ष पद का चुनाव मंगलवार को तीन बजे करवाने की सूचना दी। मंगलवार को तय समय पर नगर पंचायत गगरेट के सात पार्षदों में से छह पार्षद चुनाव के लिए हाजिर भी हो गए लेकिन ऐन समय पर चुनाव अधिकारी एसडीएम सौमिल गौतम ने यह कहते हुए चुनाव स्थगित कर दिए कि अभी तक इस चुनाव के लिए चुनाव आयोग की ओर से अनुमति प्राप्त नहीं हुई है। यहीं नहीं बल्कि पार्षदों को चुनाव स्थगित होने के पत्र भी जारी कर दिए गए। ऐसे में सवाल यह है कि अगर नगर पंचायत अध्यक्ष के रिक्त चल रहे पद पर चुनाव करवाने के लिए जिला प्रशासन के पास चुनाव आयोग की कोई लिखित अनुमति नहीं थी तो फिर नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए तारीख कैसे तय हुई। किसके कहने पर पार्षदों को मंगलवार बाद दोपहर तीन बजे नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव करवाने के लिए चि_ी जारी की गई। अगर प्रशासन के पास चुनाव आयोग की नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव करवाने की कोई लिखित अनुमति नहीं पहुंची थी तो फिर समय रहते चुनाव स्थगित करने की सूचना पार्षदों को क्यों नहीं दी गई। उधर कई पार्षदों का आरोप है कि सत्तारूढ़ दल के इशारे पर ही अध्यक्ष पद का चुनाव टाला गया है जबकि सत्तारूढ़ दल के पास इस पद के लिए कोई उम्मीदवार तक नहीं है।

सभी पार्षद अनिल कुमार नीलू के पक्ष में थे और अगर मंगलवार को ही चुनाव होता तो भाजपा समर्थित अनिल कुमार नीलू ही सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने जाते। इस चुनाव के लिए अनिल कुमार नीलू के समर्थक भी भारी तादाद में नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे हुए थे। चर्चा यह भी है कि पार्षद इसकी शिकायत चुनाव आयोग से कर सकते हैं। हालांकि चुनाव के तय समय पर चुनाव अधिकारी एसडीएम सौमिल गौतम नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे और इस मामले में फंसे तकनीकी पेंच से पार्षदों को अवगत करवाया। काफी मशक्कत के बाद वह पार्षदों को अपनी बात समझाने में कामयाब हुए। उधर उपायुक्त जतिन लाल का कहना है कि चुनाव आयोग की स्वीकृति अभी प्राप्त नहीं हुई है। वहां से अनुमति मिलते ही अध्यक्षव पद का चुनाव करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन को ऐसा लगा कि चुनाव आयोग की अनुमति जल्द आ जाएगी इसलिए ही अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी किया गया।

अनिल कुमार नीलू ने अपने घर किया था समर्थकों के लिए चायपान का इंतजाम

अगर मंगलवार को ही नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होता तो अनिल कुमार नीलू का सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनना तय था। इसके चलते अनिल कुमार नीलू ने अपने समर्थकों के लिए अपने घर चायपान का भी इंतजाम कर लिया था। हालांकि चुनाव न होने की सूरत में भी अनिल कुमार नीलू अपने समर्थकों को लेकर अपने घर पहुंचे और उन्हें चायपान करवाया। उनके कई समर्थक नोटों के हार लेकर भी पहुंचे हुए थे लेकिन चुनाव न होने से उन्हें मायूस होना पड़ा।

एक पार्षद के बेटे को सत्तारूढ़ दल के पूर्व पार्षद का आया था फोन

सत्तारूढ़ दल द्वारा ही नगर पंचायत के अध्यक्ष पद का चुनाव स्थगित करवाने का शोर इसलिए भी मचा कि सत्तारूढ़ दल के एक पूर्व विधायक के एक पार्षद के बेटे को फोन आया और पूर्व विधायक ने उसे किसी कांग्रेसी को ही अध्यक्ष बनाने की वकालत की। हालांकि पूर्व विधायक को समझाया गया कि ऐसे हो पाना इसलिए भी संभव नहीं क्योंकि यहां कांग्रेसी पार्षद को इतना समर्थन प्राप्त नहीं जिससे वह अध्यक्ष बन सके।


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