खेतों-बागीचों में जुटे कुल्लू के बागबान

By: Mar 6th, 2024 12:10 am

मौसम का मिजाज बदला, भारी बर्फबारी-बारिश के बाद पश्चिमी विक्षोभ की धार कुंद

कार्यालय संवाददाता-पतलीकूहल
मंगलवार को कुल्लू में सुबह सूर्य के दीदार होने के बाद आकाश में बादल छा गए, लेकिन बारिश नहीं हुई। इसके साथ ऊंची पहाडिय़ों पर बर्फबारी का दौर जारी रहा। गनीमत यह रही कि बादलों के छाए रहने पर क्षेत्र में बारिश नहीं हुई। लोगों ने खेतों व बागानों का रूख कर लिया। इसको लेकर बागवानी उपनिदेशक बीएम चौहान ने बताया कि कि घाटी के बागानों में पर्याप्त नमी व बर्फबारी होने से मौसम सेब की फसल के लिए हितकारी है, जिससे कई महीनों की खुश्की दूर हो गई है।

यह समय बागानों में खाद डालने के लिए उत्तम है। इसलिए बागवान सेब के एक साल के पौधे में 10 किलो कंपोस्ट, 225 ग्राम सुपर फॉस्फेट व 120 ग्राम पोटाश डाल सकते हैं। सेब के 10 वर्ष की आयु व इससे अधिक आयु वाले पौधों को प्रति पौधा 100 किलो गोबर की खाद 2210 ग्राम सुपर फॉस्फेट तथा 1200 ग्राम पोटाश की आवश्यकता रहती है।

बर्फबारी से चिलिंग आवर्स पूरे, खाद डाले बागबान
बागबानी विभाग के उपनिदेशक बीएम चौहान ने बताया कि बागबान बागीचों में अनुमोदित मात्रा के अनुरूप खाद डालें, ताकि पौधों में सही मात्रा में पोषक तत्वों का संचार हो सके। कुल्लू घाटी की ऊंची चोटियों पर भारी बर्फबारी होने से बागबानों को सेब के बागानों को वांछित 1200 से 1600 घंटे चिलिंग आवर्ज पूरे होने की उमीद जग गई है। सेब की फसल के लिए बर्फबारी संजीवनी साबित होती है। बर्फबारी से वायरल व फंफूद जैसी बीमारियों और अन्य नुकसान पहुंचाने वाले कीट नष्ट हो जाते हैं। हर साल ग्लोबल वार्मिंग के कारण किसानों व बागबानों की आर्थिकी कम हो रही है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ बिछी है। वहीं, निचले क्षेत्रों में सूख रही जमीन भी तर हो गई है। गांव दुआड़ा के बागबान खेखराम नेगी, जोगराज मंहत, लोकराज, करतार, देवेंद्र भल्ला व ओम प्रकाश ने बताया कि क्षेत्र में हुई बर्फबारी से जमीन नम हो गई है। बर्फबारी से चिंलिग आवर्ज पूरे हो जाते हैं। पिछले कई दिनों से लोग खेतों व बागानों में खाद नहीं दे पा रहे थे वहीं पर जमीन के खुश्क होने के कार्य खुदाई के कार्य नहीं कर पा रहे थे।


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