रूपी पैलेस में होलिका दहन
मंदिर से लाव-लश्कर के साथ मैदान पहुंचे भगवान रघुनाथ ने भरी हाजिरी
कार्यालय संवाददाता-कुल्लू
भगवान रघुनाथ जी नगरी रघुनाथपुर में होलिका दहन की प्राचीन परंपरा को विधिवत रूप से निभाया गया। भगवान रघुनाथ जी अपने मंदिर से होली की शाम को लाव लश्कर के साथ रूपी पैलेस मैदान पहुंचे। जहां पर भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह और रघुनाथ जी के सेवकों ने फाग की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की और फिर उसके बाद राजा रूपी पैलेस के बाहर मैदान मे सजाई गई होलिका के चारों ओर परिक्रमा करने के उपरांत झाडिय़ों को होलिका के प्रतीक रूप से जलाया गया।
इस दौरान भगवान नरसिंह की भी पूजा-अर्चना की गई। भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने विधिवत पूजा-अर्चना कर प्राचीन पीरंपरा का निर्वहन किया और महंत समुदाय के लोगों ने पारंपरिक होली गीत भी गाए। होलिका दहन के उपरांत यहां पर सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी भगवान रघुनाथ जी से आशीर्वाद लिया। बताया जाता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होलिका दहन भगवान से जुड़ा हुआ त्योहार है। भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि होलिका दहन का महुर्त देखा जाता है और पूर्णिमा के दिन होती है। इस बार भी परंपरा को निभाया गया। उन्होंने कहा कि कुल्लू होलिका का दहन के साथ 40 दिनों तक चली होली का भी विधिवत रूप से समापन हो गया।
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