हत्यारों को उम्रकैद के साथ जुर्माना

By: Mar 17th, 2024 12:16 am

ठेकेदार के साथ साथ षड्यंत्र रचकर पत्नी ने पति को उतारा था मौत के घाट

स्टाफ रिपोर्टर- सुंदरनगर
शहर के तुनाही मोहल्ला निवासी एक महिला द्वारा अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचकर पति की हत्या करने के जुर्म में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुंदरनगर ने दोषी करार देते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। उपजिला न्यायवादी सुंदरनगर विनय वर्मा ने बताया कि 17 मार्च, 2016 को बीएसएल कालोनी थाना में लेखराज की मृत्यु की सूचना मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सभी साक्ष्य जुटाए। लेखराज के परिवार वालों ने बताया कि उन्हें पूरा यकीन है कि लेखराज की पत्नी गीता देवी ने ठेकेदार रमेश के साथ पडयंत्र रच कर लेखराज को जहर देकर इसकी हत्या कर दी है। जिस पर गीता देवी व ठेकेदार रमेश निवासी कुटाही पर धारा 302, 328, 120बी भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज कर उन्हें 18 मार्च को गिरफ्तार किया गया। एएसआई जगदीश चंद ने कारवाई अमल में लाते हुए गवाहों के बयान कलम बंद और मृतक के कमरे में चारपाई पर उल्टी की हुई थी व चारपाई में पड़े ब्रेड पीस व रसोई घर के अंदर पड़े गिलास, दूध के खाली पैकेट, मृतक के घर के बाहर चूल्हे के अंदर दो खाली पैकेट सल्फास जहर बतौर सबूत अपने कब्जे में रख लिए।

आरोपी गीता देवी व् रमेश चंद के फोन डिटेल भी निकाली तो पाया गया की दोनों आरोपी लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे जिससे शक हुआ की दोनों ने मिलकर लेखराज को जहर देकर उसकी हत्या की है। मृतक लेखराज की पत्नी गीता देवी ठेकेदार रमेश के पास पांच-छह सालों से मजदूरी का काम करती थी । गीता देवी दो तीन सालो से अपने पति लेख राज को तंग करती रहती थी। लेखराज ने गावं तुनाही में अपना घर भी बनाया था परंतु गीता देवी अपने पति को नए घर में नही रहने देती थी जिस कारण वह अपने पुराने घर महादेव में रहता था। कई बार गीता देवी ने अपने पति को महादेव पुराने घर में जाकर धमकी भी दी थी और अपने पति लेखराज को तुनाही आने से मना करती थी और जान से मरने कि धमकी देती थी। गीता देवी तुनाही वाले घर में अकेले ही रहती थी तथा कई बार रमेश ठेकेदार गीता देवी के पास आता जाता रहता था। 16 मार्च 2016 को भी गीता देवी ठेकेदार रमेश चंद से मिलने गई थी। तफ्तीश में भी लेखराज की मृत्यु का कारण जहरीला पदार्थ का सेवन पाया गया था। न्यायलय में मुकदमे के पेरवी उपजिला न्यायवादी नवीन चंद्र, चानन सिंह तथा विनय वर्मा ने की और कोर्ट में 19 गवाहों की गवाही रिकॉर्ड की गई। अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष को सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायधीश सुंदरनगर की अदालत ने गीता देवी व रमेश चंद को हत्या के मामले में दोषी पाया और दोनों आरोपियों को आजीवन कठोर कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना की सजा धारा 302 भारतीय दंड सहिंता के अंतर्गत सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोनों आरोपियों को 6 महीने का साधारण कारावास की सजा सुनाई। आरोपियों को 10 वर्ष की कठोर सजा व जुर्माना 20 हजार की सजा धारा 328 भारतीय दंड सहिंता में सुनाई, जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोनों आरोपियो को 6 महीने का साधारण कारावास की सजा सुनाई। आरोपियों को 2 वर्ष कि कठोर सजा व जुर्माना 20 हजार की सजा धारा 120ठ भारतीय दंड सहिंता में सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोनों आरोपीयो को 2 महीने का साधारण कारावास की सजा सुनाई तथा सभी सजाएं समानांतर चलेंगी।


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