हमीरपुर के दड़ूही में फिर सरकारी भूमि पर ‘खेला’

By: Mar 4th, 2024 12:11 am

तकनीकी विश्वविद्यालय के पास प्राइम लैंड पाने के प्रयास, मिलीकीयत में बदलने के लिए चला है प्रोसेस

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-हमीरपुर
जिला हमीरपुर के दड़ूही स्थित हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के आसपास की सरकारी जमीन को कुछ स्थानीय लोगों द्वारा मलकीयत में बदलने का ‘खेला’ एक बार फिर से जारी है। बताया जा रहा है कि करीब सात-आठ लोगों ने सडक़ किनारे 26 कनाल के करीब जमीन को अपने नाम करवाने के लिए पूरा तंत्र फिट कर दिया है यदि समय रहते जिला प्रशासन इस पर एक्शन नहीं लेता है तो करोड़ों की यह जमीन मलकीयत में बदल जाएगी औ सरकार को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा। दड़ूही के ही पेशे से शिक्षक कर्मचंद नाम के एक व्यक्ति ने इस बारे में शिकायत जिला प्रशासन और रेवन्यू विभाग को भी सौंपी है लेकिन उनका कहना है कि इस मामले में किसी तरह की गंभीरता अभी तक किसी ओर से नहीं देखी जा रही है जबकि वे पिछले करीब 10 महीने से बार-बार मामले को उठा रहे हैं। कुछ साल पहले भी हमीरपुर शहर के कुछ धन्नासेठों ने एचपीटीयू की स्थापना के बाद विश्वविद्यालय के साथ लगती जमीन को कब्जाने का प्रयास किया था लेकिन बाद में मामला उजागर होने के बाद उसे कैंसल करना पड़ा था।

शिकायतकर्ता के अनुसार 1974 से 1980 के बीच दड़़ूही के आसपास कुछ लोगों को सरकार ने भूमि अलॉट की थी। इनमें से कुछ लोगों ने सडक़ किनारे की जमीन को या तो इस्तेमाल कर लिया या बेच दिया था। वर्ष 2012 में जब यहां हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और दड़ूही में इसकी बिल्डिंग बनने की बात सामने आई तो जो जमीनें सडक़ से दूरी पर थीं उन्हें कुछ लोगों ने मिलकर उसकी जगह पर सडक़ के आसपास की सरकारी ाूमि को मलकीयत में बदलने का खेल शुरू किया। शिकायतकर्ता के अनुसार इसमें रेवन्यू विभाग के भी कुछ मुलाजिमों की मिलीभगत का अंदेशा है क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता कि उसमें विभाग को जानकारी न हो। इसके अलावा राजनीतिक दवाब की बात भी कही जा रही है। शिकायतकर्ता के अनुसार वे जिला हमीरपुर में पूर्व में रहे डीसी महोदय से भी इस बारे में शिकायत कर चुके हैं और रेवन्यू विभाग के पास भी मामले को लिखित में उगाजर कर चुके हैं लेकिन आजतक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जबकि अंदरखाते सरकारी भूमि को मलकीयत में बदलने का प्रोसेस चलता रहा जोकि अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। यदि इसे रोका न गया तो करोड़ों की सरकारी जमीन गलत तरीके से उनके नाम हो जाएगी जिनका उस पर कोई हक नहीं है। दरअसल दड़ूही में तकनीकी विश्वविद्यालय स्थापित होने के बाद यहां आसपास बड़े-बड़े पीजी और भवनों का काम चला हुआ है। ऐसे में कुछ लोगों नियमों को ताकपर रखकर साम-दाम से जमीनें सरकारी जमीनों को कब्जाने में लगे हुए हैं। उधर, रेवन्यू विभाग के अधिकारियों से इस बारे में मोबाइल फोन पर संपर्क करना चाहा लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।


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