HP News: शिक्षण संस्थानों में रैगिंग को प्रिंसीपल जिम्मेदार, यूजीसी ने जारी की अधिसूचना

By: Mar 18th, 2024 12:06 am

एंटी रैगिंग कमेटी करेगी संस्थानों का औचक निरीक्षण

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रदेश में रैगिंग के मामलों को रोकने के लिए नई अधिसूचना जारी की है। इसमें संस्थानों में रैगिंग को रोकने, खत्म करने के लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें सीधे तौर पर कहा गया है कि यदि किसी संस्थान में रैगिंग का कोई मामला आता है, तो इसके लिए सीधे तौर पर संस्थान के प्रिंसीपल जिम्मेदार होंगे। आयोग ने कहा कि नियमों के किसी भी उल्लंघन पर यूजीसी द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निकाय ने सभी छात्रों के लिए रैगिंग से संबंधित नंबर भी साझा किए हैं। एंटी रैगिंग हेल्पलाइन नंबरों की जांच करने के लिए उम्मीदवार यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों और परिषदों को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित एंटी-रैगिंग मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा स्थापित दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए कहा गया है।

इसमें कहा गया है कि अत्यधिक रैगिंग और आत्महत्या के मामलों में कालेज के प्रिंसीपल और यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को बुलाया जाएगा और वे नेशनल एंटी-रैगिंग मॉनिटरिंग कमेटी के प्रति जवाबदेह होंगे। वहीं कोई गंभीर, आत्महत्या या मौत का मामला सामने आने पर एक समिति का गठन होगा, ताकि मामले पर फिर से विचार किया जा सके, भले ही मामला पुलिस जांच के अधीन हो। नियामक निकायों, परिषदों को यह भी सलाह दी गई है कि वे इस मामले के लिए एक कानूनी व्यक्ति नियुक्त करें। समिति ने एंटी रैगिंग मॉनिटरिंग एजेंसी को अधिक सतर्क रहने और पूरे देश में औचक निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए यूजीसी नियमों का एचईएल, शिक्षण स्टाफ और छात्रों द्वारा सख्ती से पालन किया जा रहा है। नेशनल एंटी रैगिंग हेल्पलाइन 1800-180-5522 पर भी छात्र 24 घंटे अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

कड़े नियम तय

यूजीसी का कहना है कि रैगिंग रोकने के लिए उसने कड़े नियम बनाए हैं। जो भी उच्च शिक्षण संस्थान इन नियमों को लागू करने में विफल रहते हैं उनके खिलाफ यूजीसी कार्रवाई करेगा। यूजीसी का कहना है कि यदि किसी उच्च शिक्षा संस्थान में रैगिंग और आत्महत्या जैसा गंभीर मामला सामने आता है, तो फिर संबंधित विश्वविद्यालय को इसके लिए समन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के संबंधित अधिकारियों को नेशनल एंटी रैगिंग मॉनिटरिंग कमेटी के सामने पेश होना होगा। यहां उनसे रैगिंग को लेकर प्रश्न किए जाएंगे, जिनका स्पष्ट उत्तर देना अनिवार्य होगा।


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