शातिरों ने जाल में फंसा कर उड़ाए 21 लाख

By: Mar 13th, 2024 12:10 am

फेसबुक और व्हाट्सऐप पर ठगी का शिकार बने कांगड़ा जिला के दो लोग, लालच में लुटने लगे पहाड़ के भोले भाले लोग

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-धर्मशाला
जिला कांगड़ा के दो लोगों को शातिर ने अपने जाल में फांस कर उनसे 20.96 लाख की ठगी को अंजाम दिया है। एक मामले में शातिरों ने दस लाख 35 हजार तो दूसरे मामले में 10 लाख 65 हजार की ठगी की है। इस संबंध ने दोनों ही पीडि़तों ने साइबर क्राइम थाना धर्मशाला में मामला दर्ज करवा कर आरोपियों को पकड़ कर उनकी राशि वापस दिलाने की गुहार लगाई है। खबर की पुष्टि साइबर क्राइम थाना धर्मशाला के एएसपी प्रवीण धीमान ने की है। उन्होंने कहा कि मामले दर्ज कर जांच जारी है। कांगड़ा ने एक पीडि़त ने अपनी शिकायत में बताया कि 14 जनवरी 2024 को आर्यन राजपूत नामक व्यक्ति ने मुझसे व्हाट्सऐप पर संपर्क किया और एक लिंक से एलआरओ मैक्स ऐप डाउनलोड करके उनके साथ एक खाता-संस्थागत खाता खोलने का लालच दिया। शातिर बार-बार मुझसे निवेश करने को कहते रहे और मंैने भी 11 लाख 35 हजार उनके बताए अकाउंट में डिपाजिट करवा दिए।

इसके बाद 11 फरवरी, 2024 को मेरे वोलेट में बैलेंस कम शो हो रहा था, मुझे कहा गया कि आपको 17,07,132 रुपए का टॉप अप करना होगा, जिसे एक और आईपीओ के रूप में टॉप अप करना होगा, जिसे मैंने सब्सक्राइब किया था, लेकिन इतनी रकम का इंतजाम करना मुश्किल था। इसलिए मैंने अपने पैसा का क्रेडिट करने का दबाव डाला तो मेरे अकाउंट में पूरी राशि शो होने लगी। इससे कुछ दिन बाद ही मेरे वोलेट में लगभग 3.29 करोड़ की स्थायी राशि दिखाई देने लगी। जब मैंने इस राशि को क्रेडिट करना चाहा तो ऐसा नहीं हुआ और संदेश आया कि आप निकासी नहीं कर सकते क्योंकि आपके पास बकाया क्रेडिट है। शातिर बार-बार 17, 07,132 जमा करवाने का अनुरोध करते रहे, लेकिन मैंने कहा कि आप मेरे अकाउंट से राशि काट लें और बाकी पैसा मुझे क्रेडिट करने दें। लेकिन शातिरों ने ऐसा करने से मना कर दिया, तब जाकर मुझे एहसास हुआ कि वह ऑनलाइन ठगी का शिकार हो चुका है। दूसरे मामले पीडि़त ने बताया कि वह फेसबुक के जरिए इंडिया वेल्थरवेने ग्रुप जिसमें 300 से अधिक प्रतिभागी हैं, में शामिल हो गया। मुख्य ग्रुप एडमिन का नाम आर्यन रेड्डी मोब था। शुरुआत में उन्होंने शेयर मार्केट के टिप्स देना शुरू किया। इसने मेरे ग्रो डीमैट खाते में अच्छा काम किया। कुछ समय बाद उन्होंने मुझे न्यूनतम पांच फीसदी दैनिक छूट वाले स्टॉक के लिए एक संस्थागत खाता प्रदान किया। मैंने 15 जनवरी को संस्थागत खाता खोला और 17 जनवरी के बाद अलग-अलग खातों में 10,61,000 रुपए जमा करवा दिए, लेकिन जब मैने अपने पैसे वापस लेने के लिए अनुरोध किया तो मुझे बताया गया जब तक मैं 10 फीसदी लाभ शेयर के नाम पर 2,51,520 का भुगतान नहीं करता, तब तक वे निकासी निधि का सहारा लेते हैं। तब मुझे पता चला कि ये बहुत बड़ा घोटाला है। उन्होंने साइब्रर थाना में मामला करवा का न्याय मांगा है।


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