इस साल भी दो साल की बीएड, एचपीयू की 8500 सीटों के लिए रहेगी पुरानी व्यवस्था
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
हिमाचल प्रदेश विवि और रिजनल सेंटर धर्मशाला सहित सभी प्राइवेट कालेजों में अब नए सत्र में भी दो साल की ही बीएड होगी। एचपीयू की 8500 सीटों के लिए पुरानी व्यवस्था रहेगी। नई शिक्षा नीति के तहत दो साल के स्पेशल बीएड कोर्स को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है, लेकिन कोई भी यूनिवर्सिटी इसके लिए बाध्य नहीं है। एचपीयू ने इस बार एनसीटीई के समक्ष आवेदन नहीं किया है ऐसे में छात्र अभी भी दो साल की ही बीएड कर सकते हैं। गौर रहे कि भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) ने इस संबंध में नोटिस जारी किया था। ऐसे में छात्र असमंजस में थे।
वहीं एनसीटीई ने नई शैक्षणिक नीति (एनईपी) 2020 के तहत इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) में चार वर्षीय बीएड कार्यक्रम का प्रावधान रखा है। इसके मद्देनजर आरसीआई ने भी चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को ही संचालित किए जाने का फैसला किया है। एचपीयू के अलावा अन्य संस्थानों में भी नए सत्र से आरसीआई की ओर से सिर्फ चार वर्षीय बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम की ही मान्यता दी जाएगी, लेकिन हिमाचल यूनिवर्सिटी ने इस सिस्टम को लागू करने से फिलहाल मना किया है।
यह है स्पेशल बीएड कोर्स
स्पेशल बीएड कोर्स में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाती है। दिव्यांग बच्चों की विशेष तरह की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही इस कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें सुनने, बोलने व अक्षमता, दृष्टि बाधित, मानसिक विकलांगता आदि दिव्यांगों के लिए सिलेबस का संचालन किया जाता है। जो भी संस्थान चार साल का इंटीग्रेटेड बीएड स्पेशल एजुकेशन कोर्स (एनसीटीई के चार वर्षीय आईटीईपी कोर्स की तरह) करवाना चाहते हैं, वे अगले अकादमिक सत्र के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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