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अब तक सिर्फ 28 महीने, 13 दिन विपक्ष में बैठा मंडी का सांसद, मंडी से जिसका सांसद जीता, उसी दल की…

By: Mar 22nd, 2024 12:08 am

मंडी से जिसका सांसद जीता; उसी दल की बनी केंद्र में सरकार, 1996 में 13 दिन सुखराम, तो अब 28 महीने सांसद बन प्रतिभा सिंह ने तोड़ा मिथक

अमन अग्रिहोत्री — मंडी

दूसरे सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र मंडी के साथ कई अजब संयोग व मिथक भी जुड़े हुए हैं। संसदीय प्रणाली शुरू होने के साथ ही मंडी सीट के साथ एक संयोग भी चलता आ रहा है। आज तक मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद को सिर्फ दो बार केंद्र की सरकार में विपक्ष में बैठना पड़ा है और यह अवधि मात्र 13 दिन और लगभग 28 महीने की है। इस अवधि को अगर छोड़ दिया जाए, तो आज तक मंडी का सांसद हमेशा सत्ता पक्ष के साथ ही बैठता रहा है। जिस भी दल का सांसद मंडी सीट पर चुना गया, उसी दल की सरकार केंद्र में बनती रही है। विषम व कठिन परिस्थितियों में भी मंडी सीट से जुड़ा यह संयोग टूट नहीं सका है। 2009 में भाजपा की प्रदेश में सरकार थी और उस समय भाजपा प्रदेश की तीन सीटें जीतने में सफल रही थी, लेकिन मंडी सीट से पूर्व स्व. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह चुनाव जीते थे और उन्हीं के दल की यूपीए गठबंधन के तहत केंद्र में सरकार बनी। इसमें वीरभद्र सिंह केंद्रीय मंत्री बने। हालांकि यह संयोग एक बार 1996 में मात्र 13 दिन के लिए बना और उसके बाद 2021 में हुए उपचुनाव के कारण 28 महीने कुछ दिन के लिए टूटा भी है। 1996 में पं. सुखराम यहां से चुनाव जीते थे, तो उस समय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार केंद्र में बनी, लेकिन यह सरकार महज 13 दिन की चल सकी और फिर से कांग्रेस के समर्थन से केंद्र में सरकार बनी।

इसी तरह नवंबर, 2021 में मंडी सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को जीत मिली और इस समय वह मंडी से सांसद हैं, जबकि केंद्र में पहले से ही भाजपा की मोदी सरकार है। प्रतिभा सिंह को उपचुनाव के बाद लगभग 28 महीने लोकसभा में मंडी का प्रतिनिधित्त्व करने के लिए मिले। इन दो अवधियों को अगर छोड़ दिया जाए, तो आज तक मंडी का सांसद कभी विपक्ष में नहीं बैठा है। 1998 व 1999 में भाजपा के महेश्वर सिंह सांसद बने। उस समय केंद्र में भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार बनी। 2004 में कांग्रेस के टिकट पर प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की, तो केंद्र में कांग्रेस की यूपीए सरकार थी। 2013 में जब इसी सीट पर उपचुनाव हुआ, तो प्रतिभा सिंह जीतीं और केंद्र में पहले से ही यूपीए की सरकार सत्ता में थी। 2014 व 2019 में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा मंडी से सांसद चुने गए। इस दौरान केंद्र में भाजपा के पास सत्ता रही।

अमृत कौर थीं कांग्रेस की पहली सांसद

आजादी के बाद 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए। पहले आम चुनाव में मंडी से कांग्रेस टिकट पर कपूरथला राज परिवार से अमृत कौर सांसद बनी थीं और केंद्र में सरकार भी कांग्रेस की बनी। साल 1957 में कांग्रेस के जोगेंद्र सेन, 1962 में ललित सेन और 1971 में वीरभद्र सिंह सांसद बने थे। इस दौरान केंद्र में कांग्रेस की ही सरकारें रहीं, जबकि वर्ष 1977 में जनता पार्टी की लहर के बीच गंगा सिंह मंडी से जीते और केंद्र में सरकार भी जनता पार्टी की बनी। 1980 में केंद्र में फि र कांग्रेस सत्ता में आई और मंडी से वीरभद्र सिंह सांसद बने। 1984 में कांग्रेस के टिकट पर सुखराम चुनाव जीते, केंद्र में सरकार भी कांग्रेस की बनी। 1989 में मंडी से भाजपा के महेश्वर सिंह जीते और केंद्र में भाजपा के समर्थन से वीपी सिंह ने सरकार बनी। 1991 में केंद्र में कांग्रेस ने सरकार बनाई, तो भी मंडी से सुखराम चुनाव जीते।


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