टीजीटी भर्ती न होने से बेरोजगार परेशान, बैचवाइज-कमीशन आधार पर नौकरी का कर रहे इंतजार

By: Mar 10th, 2024 9:48 pm

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

प्रदेश के स्कूलों में टीजीटी के कमीशन और बैचवाइज आधार पर 1587 पदों को भरने के लिए प्रदेश सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। लंबे समय से प्रदेश के स्कूलों में कमीशन आधार पर टीजीटी की भर्तियां नहीं हो रही। कारण यह कि प्रदेश सरकार से शिक्षा विभाग को इन पदों को भरने की मंजूरी नहीं मिल रही। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की तरफ से इस बारे में प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें टीजीटी की भर्तियां करने के लिए अप्रूवल मांगी गई है। कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से ये भर्तियां होनी है। इसमें 87 पदों को भरने के लिए पहले मंजूरी मिल चुकी है लेकिन विभाग तब तक इन पदों को भी नहीं भर सकता जब तक बाकी पदों को भरने के लिए मंजूरी नहीं मिल पाती। ऐसे में टीजीटी की भर्तियों के लिए सरकार से अप्रूवल का इंतजार है। ये भर्तियां अनुबंध के आधार पर होनी है।

इनमें टीजीटी आट्र्स के 744 पद भरे जाने हैं जबकि टीजीटी नॉन मेडिकल 557 पद, टीजीटी मेडिकल के 286 पदों सहित 1587 पदों पर भर्तियां होनी है। गौर रहे कि बीते विधानसभा सत्र में भी शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी थी कि स्कूलों में टीजीटी के 16,468 पद स्वीकृत हैं। 781 पद अभी स्कूलों में टीजीटी के रिक्त हैं। 31 दिसंबर 2022 तक 116 टीजीटी सेवानिवृत्त होने हैं। इसके अलावा 845 टीजीटी पदोन्नत होकर पीजीटी और हैडमास्टर बनने वाले हैं। ऐसे में रिक्त होने वाले कुल पदों की संख्या 1,897 निर्धारित हुई है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इन पदों को भरने के लिए कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से विज्ञापन जारी होगा। इसमें 50 फीसदी पद बैचवाइज और शेष 50 फीसदी पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे।

शास्त्री भर्ती में बीए-एमए शामिल न करने की मांग

स्टाफ रिपोर्टर- शिमला

शास्त्र संरक्षण छात्र संघ द्वारा मुख्यमंत्री को शास्त्री भर्तियों में बीए और एमए सम्मिलित न करने के लिए ज्ञापन सौंपा गया। प्रदेश शास्त्र संरक्षण छात्र संघ का कहना है कि हमने पहले भी मुख्यमंत्री को एवं शिक्षा मंत्री को इन्हीं शास्त्री भर्तियों के सिलसिले में ज्ञापन सौंपा है परंतु अभी तक इन पर कोई विचार एवं निर्णय नहीं किया गया। प्रदेश सरकार से निवेदन किया गया हैं कि वह शास्त्री भर्तियों में बीए और एमए को सम्मिलित न करें, यदि बीए और एमए वाले छात्र भी शास्त्री पदों के लिए मान्य हो जाएंगे तो भविष्य में संस्कृत महाविद्यालयों का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा अथवा संस्कृत महाविद्यालय धीरे-धीरे बंद होने लग जाएंगे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App