हीमोफीलिया एक दुर्लभ विकार

By: Apr 19th, 2024 12:16 am

भोरंज में विश्व हीमोफीलिया दिवस पर डा. सोनिका ने दी जानकारी

निजी संवाददाता-भोरंज
करियर प्वाइंट विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग द्वारा विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया गया। विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सोनिका ने जानकारी देते हुए बताया कि हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के तौर पर थुरल कॉलेज से असिस्टेंट प्रोफेसर प्रेमलता उपस्थित रहीं। यह बीमारी रक्त में थ्राम्बोप्लास्टिन नामक पदार्थ की कमी से होती है।

थ्राम्बोप्लास्टिक में खून को तुरंत थक्का में बदल देने की क्षमता होती है। खून में इसके न होने से खून का बहना बंद नहीं होता है, जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। हीमोफिलिया एक दुर्लभ विकार है, जिसमें रक्त सामान्य तरीके से नहीं जमता है, क्योंकि इसे थक्के बनाने वाले प्रोटीन नहीं होते हैं। गंभीर रोगियों में मांसपेशियों, जोड़ों और शरीर के अन्य हिस्सों में रक्तस्राव हो सकता है। यह एक विरासत में मिली बीमारी है, जो बच्चे को उसके माता-पिता से मिलती है। इस कार्यशाला में जूलॉजी विभाग की विभागाध्क्षा डा. नेहा व विभाग के सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया।


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