12वीं में 73.76 फीसदी पास, बेटियों का डंका

By: Apr 29th, 2024 5:28 pm

बोर्ड के नतीजे घोषित; ओवरऑल टॉप टेन में 41 स्टूडेंट्स ने बनाई जगह, 30 छात्राएं और 11 छात्र शामिल

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — धर्मशाला

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सोमवार को 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। 12वीं कक्षा का परिणाम 73.76 फीसदी तक रहा, जबकि पिछले वर्ष 79.4 फीसदी परीक्षा परिणाम था। हिमाचल बोर्ड ने इस वर्ष सीबीएसई सहित देश भर के शिक्षा बोर्डों को पछाड़ते हुए बाजी मारी है। एचपी बोर्ड ने मात्र 25 दिनों में जमा दो का परीक्षा परिणाम घोषित कर इतिहास बना दिया है। शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष हेम राज वैरवा व सचिव डा. मेजर विशाल शर्मा ने परीक्षा परिणाम घोषित कर दावा किया है कि मात्र 24 घटों के भीतर छात्रों को उनके डिजी लाकर पर मार्कशीट भी मुहैया करवा दी जाएगी। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन हेमराज बैरवा ने रिजल्ट घोषित करते हुए बताया कि प्लस टू की परीक्षा में तीनों संकायों में 85 हजार 777 परीक्षार्थी बैठे थे, जिनमें से 63092 स्टूडेंटस पास हुए हैं, 9103 परीक्षार्थी फेल हुए, जबकि 13276 की कंपार्टमेंट आई है और परीक्षा परिणाम 73.76 फीसदी रहा।

बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि प्लस टू मेरिट के ओवरऑल टॉप टेन में 41 स्टूडेंटस ने जगह बनाई है, जिनमें 30 छात्राएं और 11 छात्र शामिल हैं। टॉप टेन में सरकारी संस्थानों में 10 स्टूडेंट्स, जबकि निजी संस्थानों के 31 स्टूडेंट्स ने जगह बनाई है। बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि इस बार बोर्ड ने रिकार्ड 25 दिन में प्लस टू का रिजल्ट घोषित किया है, जिसमें शिक्षक वर्ग सहित बोर्ड अधिकारियों व कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई है। बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि इस वर्ष प्लस टू का रिजल्ट घोषित होने के साथ ही उनके प्रमाण पत्रों को डिजी लॉकर पर उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिससे स्टूडेंटस को जो परेशानी पहले होती थी, उससे छुटकारा मिल सके। उन्होंने बताया कि जल्द ही बोर्ड मैट्रिक का परीक्षा परिणाम भी घोषित करेगा।

238 परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित : बाहरवीं के परीक्षा के 85 हजार 777 परीक्षार्थियों में 41673 लड़कियां और 44104 लडक़े शामिल हैं। प्लस टू परीक्षा से 98 लड़कियां और 140 लडक़े अनुपस्थित रहे। कुल 85777 परीक्षार्थियों में से सरकारी स्कूलों की 35552 लड़कियां और 35773 लडक़े और निजी स्कूलों की 6023 लड़कियां और 8191 लडक़े शामिल रहे। 26 लड़कियां और 27 लडक़ों का रिजल्ट आरएलडी घोषित किया गया है।

शोधकर्ता बनना चाहती हैं कामाक्षी

चढियार, बैजनाथ। चढियार की बेटी कामाक्षी शर्मा पुत्री भारत भूषण शर्मा ने जमा दो कक्षा में साइंस संकाय में प्रदेश भर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। कामाक्षी शर्मा भारतीय विद्यापीठ पब्लिक स्कूल बैजनाथ में पढ़ती हैं। कामाक्षी ने 500 में से 494 अंक (98.80 प्रतिशत) प्राप्त कर प्रदेशभर प्रथम स्थान प्राप्त किया है।‘दिव्य हिमाचल’ से बात करते हुए कामाक्षी शर्मा ने बताया कि वह रिसर्चर (शोधकर्ता) बनना चाहती हैं और जेनेटिक्स तथा एग्रीकल्चर में रिसर्च करना चाहती हैं। कामाक्षी शर्मा के पिता भारत भूषण शर्मा चढियार बाजार में दुकान चलाते हैं तथा माता सुनीता शर्मा चढियार में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। प्रदेश भर में प्रथम स्थान पर रहने के लिए कामाक्षी शर्मा ने इसका श्रेय अपने माता-पिता, स्कूल स्टाफ और भारती विद्यापीठ के निदेशक नवनीत डोगरा को दिया है। कामाक्षी का घर बैजनाथ से थोड़ी दूरी पर है, इसलिए वह पढ़ाई के कारण बैजनाथ में किराए के मकान में रहती हैं।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर छाया का सपना

भुंतर। स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में जिला कुल्लू के बजौरा में स्थित स्नोर वैली स्कूल की छात्रा छाया चौहान ने संयुक्त तौर पर पहला स्थान राज्य स्तर पर हासिल किया है। स्कूल की इस छात्रा ने 500 में से 494 अंक हासिल कर यह उपलब्धि हासिल की है। छाया चौहान ने दसवीं की परीक्षा में भी मैरिट में स्थान दो साल पहले पाया था और अब राज्य स्तर पर पहला पायदान हासिल किया है। मंडी जिला के थाची क्षेत्र के दुर्गम सेरी गांव की रहने वाली छाया के पिता लाल सिंह एक किसान है जबकि इसकी माता शाउणी देवी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है। छाया का सपना सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना है और उसने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपनी मेहनत के साथ स्कूल प्रबंधन, अध्यापकों व अभिभावकों को दिया है।

आईएएस अफसर बनेंगी अर्शिता

ऊना। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में डीएवी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ऊना की जमा दो कक्षा आट्र्स संकाय की अर्शिता ने प्रदेश भर में पहला स्थान अर्जित किया है। अर्शिता पुत्री नरेंद्र कुमार निवासी नंगड़ा ने 500 मेंं से 490 अंक (98 प्रतिशत) अर्जित किए है। अर्शिता ने कड़ी मेहनत के दम पर उक्त मुकाम हासिल किया है। अर्शिता का कहना है कि वह रोजाना 12 से 13 घंटे पढ़ाई करती हैं। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व स्कूल के अध्यापकों को दिया है। अर्शिता भविष्य में आईएएस अधिकारी बनकर सिविल सर्विसज में जाना चाहती हंै। अर्शिता के पिता नरेंद्र कुमार विदेश में जॉब करते हैं, जबकि माता किरण बाला दुकान करती है। अर्शिता ने अन्य बच्चों को पे्रेरित करते हुए कहा कि दिल लगाकर मेहनत करो। इधर-उधर की बातों पर ध्यान न देकर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सफलता कड़ी मेहनत से ही मिलती है।

सीए बनना चाहती हैं शाव्या

नूरपुर। परीक्षा परिणाम में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जसूर की बाहरवीं कक्षा की कॉमर्स संकाय की छात्रा शाव्या पुत्री स्वपन कुमार निवासी परगना, तहसील नूरपुर ने 500 में से 490 अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल कर अपने
स्कूल का और क्षेत्र का नाम रोशन किया है । शाव्या ने उक्त विषय में 98 फीसदी अंक लेकर अपनी सफलता का परचम लहराया है। छात्रा के पिता स्वपन कुमार कृषि करते है और माता गृहणी हैं, जबकि बड़ा भाई सत्यम बीसीए की पढ़ाई कर रहा है । बेटी की सफलता पर परिवार और क्षेत्र के लोग गौरवांवित है। शाव्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अपने गुरुजनों को देते हुए कहा कि उसका सपना है कि वह आगे चलकर चार्टड अकाउंटेंट बनेंगी और इसके लिए अब वह बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई करेंगी।


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