46 कालेजों में 551 प्रोफेसर कम

By: Apr 7th, 2024 9:40 pm

पद खाली होने से नई शिक्षा नीति को लागू करना बड़ी चुनौती

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

हिमाचल के कालेजों में नई शिक्षा नीति को लागू करना काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा। कारण यह कि प्रदेश के कालेजों में अभी भी शिक्षकों के पद खाली हैं। ऐसे में छात्र संगठनों का यह कहना है कि पहले शिक्षकों की संख्या तो पूरी हो, उसके बाद कालेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया जाना चाहिए। इसमें अभी भी कालेजों में भी प्रिंसीपल के 25 और करीब 46 कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 551 पदों पर रिक्त पड़े हैं। प्रदेश में नई शिक्षा नीति को नए सत्र से प्रभावी ढंग से लागू किया जाना है। कालेजों में खासतौर पर नई शिक्षा नीति के बड़े बदलाव होने हैं।

ऐसे में यदि नई शिक्षा नीति पर काम करना है, तो सबसे पहले खाली पदों को भरना होगा। छात्र संगठनों का कहना है कि इस नीति को कोरोनाकाल में तैयार किया गया, जब सभी शिक्षण संस्थान बंद थे। इस नीति में छठी से 12वीं कक्षा तक छात्रों को स्कूलों में वोकेशनल ट्रेनिंग देने की बात की गई है। इस तरह की ट्रेनिंग से छात्रों को मजदूर बनाया जाएगा। इससे छात्र शिक्षा से दूर होता जाएगा।

कालेज टीचर एसोसिएशन भी कर रही विरोध

कालेज टीचर एसोसिएशन भी नई शिक्षा नीति को लागू करने का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि इस नीति में जो सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं, उसका विपरीत प्रभाव शिक्षा व्यवस्था और छात्रों पर पड़ेगा। रूसा की तरह यह भी विफल नीति साबित होगी। शिक्षा नीति में छात्रवृत्ति का कोई प्रावधान नहीं है। नीति लागू करने पर प्रदेश में फिर से फ्लॉप हो चुके सेमेस्टर सिस्टम को यूजी कोर्स में लागू किया जाएगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App