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लोकतंत्र के महापर्व में 72 फीसदी रिकॉर्ड भागीदारी

By: Apr 6th, 2024 12:07 am

2019 के लोकसभा चुनावों ने तोड़ा दस साल का रिकॉर्ड

राकेश शर्मा — शिमला

हिमाचल में चुनाव दर चुनाव मतदाताओं की जिज्ञासा लोकतंत्र के महापर्व में बढ़ी है। पहली मर्तबा 2019 में प्रदेश के मतदाताओं ने 72.42 फीसदी मतदान के आंकड़े को छुआ था। मतदान से उत्साहित निर्वाचन विभाग ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में अब 80 फीसदी मतदान का लक्ष्य तय किया है और इसके लिए बड़े स्तर पर प्रयास निर्वाचन विभाग की तरफ से किए जा रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 53 लाख 30 हजार 154 पंजीकृत थे और इनमें से 38 लाख 59 हजार 940 मतदाताओं ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया, जो कुल मतदान का 72.42 फीसदी था। खास बात यह है कि बीते लोकसभा चुनाव में 348 मतदान केंद्र बढ़ाए गए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य दलों और निर्दलीय के कुल 45 प्रत्याशी मैदान में थे। यह आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा है, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 64.45 प्रतिशत रहा था। 2014 के चुनाव में 48 लाख 10 हजार 71 मतदाता थे और इनमें से 31 लाख 199 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था, जो कुल मतदान का 64.45 फीसदी था।

हिमाचल में पहली बार 1984-85 के लोकसभा चुनाव में 60 फीसदी के आंकड़े का छुआ था। इस अवधि में पहली बार 61.45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। 1989 में हुए लोकसभा के चुनाव में 63.94 फीसदी मतदा दर्ज किया गया। हालांकि इसके बाद आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान तेजी से गिरा। इसका बड़ा कारण लोकसभा के लगातार चुनाव होना भी रहा। केंद्र में मिली जुली सरकारें बनती रहीं और ये अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं। 1998 के लोस चुनाव को छोड़ दें तो 18 साल की इस अवधि में पांच लोस चुनाव हुए और इनमें से कोई भी 60 फीसदी को पार नहीं कर पाया। 1998 में 36 लाख 28 हजार 864 मतदाता पंजीकृत थे। इसमें 2406774 मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जो कुल मतदान का 65.32 प्रतिशत था। (एचडीएम)

इस बार 80 फीसदी मतदान का रखा है लक्ष्य

मुख्य निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग ने बताया कि प्रदेश में इस बार 80 फीसदी मतदान का लक्ष्य रखा गया है। इसके जिए विभाग लगातार प्रयासरत है। जिन क्षेत्रों में मतदान कम रहता है वहां विशेष जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। विभाग इस लक्ष्य को हर हाल में पूरा करेगा।

संसदीय क्षेत्र मंडी : 245 शतकवीर मतदाता चुनेंगे अपना सांसद

समीकरण बनाने-बिगाडऩे में युवा वर्ग की रहेगी अहम भूमिका

अमन अग्रिहोत्री — मंडी

मंडी संसदीय क्षेत्र में 13 लाख से अधिक मतदाताओं के बीच इस बार 245 शतायु मतदाता भी लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी निभाएंगे। मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले 17 विधानसभा क्षेत्रों में शतायु मतदाताओं की संख्या अब 245 है। इसके साथ ही इस बार नए मतदाताओं का भी अहम रोल लोकसभा चुनाव में रहेगा। चुनाव आयोग अब तक 38 हजार से अधिक नए मतदाता बना चुका है। अभी यह क्रम जारी है। इस बार यह आंकड़ा और अधिक बढऩे की उम्मीद है। चुनाव आयोग ने इस बार नए मतदाताओं को जोडऩे व मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष अभियान भी चलाया हुआ है। मंडी सीट पर इन नए मतदाताओं की भूमिका अहम रहेगी। वहीं, संसदीय क्षेत्र में इस समय 100 से 109 वर्ष के 232 और 110 से 119 वर्ष के 12 मतदाता पंजीकृत हैं। कुल्लू जिला के बंजार में एक मतदाता की आयु 120 वर्ष भी बताई जा रही है।

संसदीय क्षेत्र में करीब 45 प्रतिशत से अधिक युवा मतदाता हैं। आम मतदाताओं की संख्या 1346344 है। इसके अलावा 13153 सर्विस मतदाता अलग हैं। इनको मिलाकर कुल 13,59,457 मतदाता हैं। इनका आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। संसदीय क्षेत्र में शामिल 45 प्रतिशत युवा मतदाता ही राजनीतिक दलों की हार-जीत के समीकरणों को बनाएंगे और बिगाड़ेंगे। यही वजह है कि प्रदेश भर में इन युवा मतदाताओं पर सभी राजनीतिक दलों की नजर बनी हुई है, ताकि उनका समर्थन लिया जा सके। (एचडीएम)

युवा मतदाताओं को जोडऩे के लिए आज बाइक रैली

प्रदेश भर में नए व युवा मतदाताओं को जोडऩे के लिए भाजपा शनिवार को बाइक रैली का आयोजन करने जा रही है। भाजपा के स्थापना दिवस पर हर मंडल में युवाओं की यह बाइक रैली निकाली जाएगी। भाजपा जिला अध्यक्ष निहाल चंद का कहना है कि नए युवा मतदाताओं को जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।


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