छुक-छुक के लिए डेढ़ साल का और इंतजार

By: Apr 11th, 2024 12:16 am

निजी संवाददाता-नगरोटा सूरियां

पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर कांगड़ा जिला के निचले क्षेत्रों के लोगों को ट्रेन की छुक-छुक सुनने में अभी एक से डेढ़ साल और इंतजार करना होगा। रेलवे सूत्रों के मुताबिक पठानकोट-नूरपुर रोड रेलवे स्टेशनों के बीच ध्वस्त हुए चक्की खड्ड पुल के निर्माण और ज्वालामुखी-कोपड़लाहड़ रेलवे स्टेशनों के किनारे बन रहे फोरलेन सडक़ मार्ग के पूर्ण होने के बाद ही पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर ट्रेनें बहाल हो पाएंगी और इसके लिए एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है। बता दें कि जुलाई 2022 में जर्जर हालत चक्की खड्ड पुल के पिल्लर बरसात में खड्ड के उफान से ध्वस्त हो गए। तब से रेलमार्ग पर रेल यातायात ठप होकर रह गया। कांगड़ा जिला के लोगों की लाइफलाइन रेलमार्ग एकमात्र आवाजाही का साधन है। इसके बंद होने से गुलेर, रानीताल के बीच करीब दो दर्जन गांवों के ग्रामीणों को काले पानी की सजा काटने को मजबूर होना पड़ गया है। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक अगर रेलमार्ग पर ट्रेनें बहाल होने में एक से डेढ़ साल लगता है तो भाजपा को कांगड़ा लोकसभा सीट पर जीतना असंभव हो जाएगा।

यह भी बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में कांगड़ा के लोगों ने भाजपा प्रत्याशी किशन कपूर को पूरे देश में चार लाख से भी ऊपर रिकॉर्ड मतों से जीत, इसलिए दर्ज करवाई थी कि वह पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग की दुर्दशा को सुधार कर सुचारू बनाएंगे, लेकिन पांच साल तक रेलमार्ग तो दूर लोकसभा क्षेत्र के लोगों की सुध तक नहीं ली और लोग भूल गए कि कांगड़ा-चंबा लोकसभा के सांसद का नाम क्या है। अब 2024 के चुनाव में भाजपा सांसद की पांच साल की उपलब्धियों का पार्टी प्रत्याशी डा. राजीव भारद्वाज को चुनाव में भुगतना पड़ेगा। उधर, नव भारत एकता दल ने भी रेल बहाली को लेकर भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दल के राष्ट्रीय संयोजक पीसी विश्वकर्मा ने कहा है कि उनका नव भारत एकता दल पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर बंद पड़ी ट्रेनों की बहाली के लिए भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर जिला कांगड़ा की जनता को जागरूक करने का अभियान शुरू करेगा।


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