गोबिंदसागर में बहा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट

By: Apr 27th, 2024 10:51 pm

प्रधानमंत्री मोदी ने दो माह पहले किया था 92 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास

रातों रात बह कर भाखड़ा डैम पहुंचा मेटिरियल
नंगल में हाईअलर्ट, डैम की सुरक्षा बढ़ाई

टीम — स्वारघाट, नंगल
जिला बिलासपुर के अंतर्गत स्थित नैहलां गांव में गोबिंदसागर झील में लगाया जा रहा करीब 92 करोड़ का प्रोजेक्ट झील में बह गया। करीब दो माह पहले चार मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट का ऑनलाइन शिलान्यास किया था, लेकिन धरातल पर उतरने से पहले ही यह प्रोजेक्ट पानी में बह गया। अब इस प्रोजेक्ट को लेकर इंतजार और बढ़ जाएगा। जानकारी के अनुसार भाखड़ा के डाउन समीप गांव नैहला के पास झील में निजी कंपनी की ओर से फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट को लेकर कार्य किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात के समय यह सोलर प्रोजेक्ट झील में बह गया। झील में इस प्रोजेक्ट के बहने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर रात हुई इस घटना से यह सोलर प्रोजेक्ट के पैनल नंगल डैम पहुंच गए।

इस फ्लोटिंग सोलर प्लॉट के बह कर नंगल डैम तक पहुंचने के कारण बीबीएमबी मैनेजमेंट भी हैरान पेरशान था और झीलमें बह कर आने वाले सोलर पैनलों ने नंगल डैम के गेटों को कोई नुकसान न हो, इसके  लिए रात भर बीबीएमबी के कर्मचारी व अधिकारी भी जुटे रहे। उधर, यह भी दावा किया गया था कि आंधी, तूफान, झील के पानी बढऩे व पानी का स्तर नीचे जाने पर भी इस फ्लोटिंग सोलर सिस्टम पर कोई प्रभाव नहीं होगा, लेकिन अभी तो ऐसे हालात ही पैदा नहीं हुए और इस तरह इस प्रोजेक्ट का पानी के बहाव में बह जाना कई सवालिया निशान खड़े करता है, क्यों कि कुछ दिनों पहले तक इस प्रोजेक्ट के निर्माण में जुटी कंपनी इस प्रोजेक्ट को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी बता कर खूब वाहवाही लूट रही थी। पिछले करीब एक माह से इस प्रोजेक्ट को लेकर कार्य किया जा रहा था, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को लेकर किए जा रहे प्रयास धराशायी हो गए हैं। बता दें इस प्रोजेक्ट के बनने पर 22 मीलियन यूनिट बिजली उत्पादन का हर वर्ष लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्रोजेक्ट के बन जाने से पंजाब सहित हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान सहित अन्य राज्यों को करीब 3.26 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से 25 वर्षों तक लाभ होगा। 15 मैगावाट का यह प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। मई माह तक इस प्रोजेक्ट के कार्य को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन इससे पहले ही यह प्रोजेक्ट पानी में बह गया। बताया जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट नार्थ इंडिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट के बनने से जहां पानी की बचत होगी, वहीं, ग्रीन एनर्जी होने के कारण पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा। आधुनिक तकनीक पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट को लेकर अब और इंतजार बढ़ जाएगा।

गंभीरता से होगी जांच

जब इस बारे में जानकारी लेने हेतु एसजेवीएन कंपनी की चेयरपर्सन गीता कपूर से फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी, तभी पता चलेगा आखिर इस प्रोजेक्ट के पानी में बह जाने का कारण क्या था।


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