हमीरपुर में कांग्रेस के पास उपमुख्यमंत्री के अलावा कोई भी करिश्माई चेहरा नहीं

By: Apr 23rd, 2024 12:54 am

मुकेश-अनुराग में टक्कर हुई तो हो सकता है रोमांचक मुकाबला, अभी तक हमीरपुर-कांगड़ा में प्रत्याशी चयन को लेकर फंसा है पेंच

स्टाफ रिपोर्टर-गगरेट
संभव है कि मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के दो लोकसभा क्षेत्रों से प्रत्याशी चयन के फेर में फंसी कांग्रेस के चेहरों से धुंध छंटे। मंडी व शिमला संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी चयन के बाद अभी हमीरपुर व कांगड़ा में प्रत्याशी चयन को लेकर पेंच फंसा है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में पूर्व विधायक आशा कुमारी के साथ हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम के उपाध्यक्ष व विधायक रघुवीर सिंह बाली का नाम चर्चा में है तो हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में पूर्व विधायक सतपाल रायजादा नहीं तो कांग्रेस का चेहरा कौन होगा इस पर पेंच फंसा हुआ है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में अगर जिलेवार या फिर विधानसभा क्षेत्रवार नजर दौड़ाई जाए तो मुकेश अग्निहोत्री को छोड़ कर ऐसा कोई करिश्माई चेहरा नजर नहीं आ रहा जो कांग्रेस को सांसत से बाहर निकाल सके। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के गृह संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस की इज्जत भी दांव पर लगी है। जाहिर है कि भाजपा के पास यहां अनुराग सिंह ठाकुर के रूप में ऐसा हैवीवेट कैंडीडेट है जो पिछले लगातार चार चुनाव जीत चुका है। ऐसे में भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस भी किसी ऐसे चेहरे की तलाश में है जो भाजपा को यहां से जोरदार टक्कर दे सके। बेशक कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक सतपाल सिंह रायजादा का नाम आगे किया था लेकिन कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने इस नाम को फाइनल कर चुनाव मैदान में उतारने का फैसला फिलहाल टाल लिया है।

ऐसे में वह कौन सा चेहरा हो सकता है जिसके दम पर भाजपा को यहां से नाकों चने चबाने पर विवश किया जा सके इस पर गहन मंथन चल रहा है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत सत्रह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। मंडी के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से चंद्रशेखर पहली बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। जसवां-परागपुर पर भाजपा का पूर्व मंत्री विक्रम ठाकुर के रूप में कब्जा है। हमीरपुर के सुजानपुर, बड़सर तो ऊना के कुटलैहड़ व गगरेट में पहले ही कांग्रेस उपचुनाव की परीक्षा में उतरने वाली है। भोरंज से बेशक कांग्रेसी विधायक हैं लेकिन वह भी पहली बार ही चुनाव जीते हैं। बिलासपुर के घुमारवीं से कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी हैं तो अब ऊना जिले से उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और नादौन से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ही कांग्रेस के पास ऐसा नेता बचे हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सत्ता में भी सहभागिता पाई है। अब देखना है कि कांग्रेस कौन सा प्रत्याशी फाइनल करती है और और मुकाबला कैसा होता है। वहीं सबकी निगाहें कांग्रेस पर हैं।

घूम-फिर कर निगाहें डिप्टी सीएम पर ही

जाहिर है कि मुख्यमंत्री तो चुनाव लडऩे से रहे। फिर अगर वास्तव में कांग्रेस को कोई कद्दावर नेता ही यहां से बतौर कैंडीडेट चाहिए तो ले-देकर सुई उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पर ही टिकती है। अगर कांग्रेस वास्तव में मजबूत कैंडीडेट यहां से उतारने की फिराक में है तो क्या पहले से ही प्रदेश सरकार को बचाने की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस मुकेश अग्निहोत्री पर दांव खेलेगी, यह देखने वाली बात होगी। मुकेश अग्निहोत्री इसलिए भी सबसे मजबूत दिखाई दे रहे हैं क्योंकि हरोली से लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीतने के साथ-साथ उनकी जिला ऊना में भी अच्छी पकड़ है।


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