दो पिल्लरों को दोनों सरकारों से भीख मांग रहा दभोटा पुल

By: Apr 19th, 2024 12:16 am

हिमाचल-पंजाब ने नौ महीने बीत जाने के बाद भी साधी चुप्पी, नुमाइंदों के उदासीन रवैये से चौपट हो रहा कारोबार

दिव्य हिमाचल ब्यूरा-बीबीएन
प्रदेश सरकार के नालागढ़ क्षेत्र में नया निवेश जुटाने और निवेशकों को मुलभूत सुविधाए देने के दावों की असलियत दभोटा में क्षतिग्रस्त पुल बखूबी ब्यां कर रहा है। हालात यह है की नालागढ़ क्षेत्र को पंजाब से जोडऩे वाला यह अहम सेतू विगत नौ महीनों से मरम्मत की राह ताक रहा है, लेकिन ऐसा लग रहा है की इस पुल से न तो हिमाचल सरकार को कोई लेना देना है न ही पंजाब की सरकार का इससे कोई सरोकार है। दरअसल आपदा में पुल के दो पिल्लर क्षतिग्रस्त हुए थे, जिनकी मरम्मत करने की दरकार है, लेकिन दो राज्यों की सीमा पर स्थापित यह अहम पुल फिलवक्त हिमाचल और पंजाब दोनों सरकारे की बेरूखी झेल रहा है, उद्योग जगत, स्थानीय नुमाइंदे दोनों सरकारों के समक्ष आवाज बुलंद कर चुके है, लेकिन असर किसी भी सरकार पर नहीं हुआ।

आलम यह है की हिमाचल सरकार ने इस मुद्दे पर फिलहाल चुप्पी साध रखी है। पुल की मरम्मत पर कितना खर्च होगा महज इसे लेकर ही अब तक कदमताल की गई है, कागजी कार्यवाही से अगला कदम पुल का मरम्मत कार्य तय नहीं कर पाया है। प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ा दभोटा पुल बीते वर्ष नौ जुलाई से यातायात के लिए बंद है, इस पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद से उद्यमियों, स्थानीय लोगों सहित हिमाचल से पंजाब आने जाने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नौ महीने के अरसे में महज बैंठकों, पत्राचार के अलावा कुछ नहीं हो पाया है। बीबीएन क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में टूटे पुलों और सडक़ मार्गों की बदहाली को लेकर हिमाचल, पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव स्तर की बीते साल हुई थी।

पुल की मरम्मत के लिए तीन करोड़ आएगा खर्च
आपदा के बाद जब हालात सामान्य हुए तो पुल की मरम्मत क ौन करेगा इसे लेकर चर्चा चलती रही, जब तय हुआ की यह पंजाब की सीमा में है तो खर्च वहन करने का पेंच फंस गया, इसके बाद जब खर्च का आंकलन किया गया तो पता चला की इस पर करीब तीन करोड़ का खर्च आएगा। इस खर्च को दोनों राज्य सरकारें एक समान रूप से वहन करेंगी। लेकिन मरम्मत के लिए फंड जारी हुए या नहीं इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। वहीं बताया जा रहा है की अभी तक पंजाब सरकार की तरफ से सबंधित महकमे को निमार्ण कार्य शुरू करने के लिए जरूरी अनुमति नहीं मिल पाई है।

बरसात से पहले दुरूस्त होना चाहिए पुल
बीबीएन उद्योग संघ के महासचिव वाईएस गुलेरिया ने बताया कि उद्योग संघ ने हर स्तर पर इस संदर्भ में आवाज उठाई है, लेकिन हैरानी की बात है की न तो हिमाचल सरकार इस पुल को लेकर संजीदगी दिखा रही है पंजाब सरकार ने तो मानों किनारा ही कर रखा है। उन्होंने कहा कि उद्यमी पहले ही प्राकृतिक आपदा से मिले जख्मों और आर्थिक नुकसान से अभी तक उभर नहीं पाए है, कुछ महीनों में फिर बरसात का मौसम आ जाएगा, ऐसे में पुल जल्द दुरुस्त होना चाहिए।

पुल क्षतिग्रस्त होने से हर कोई परेशान
नालागढ़ उद्योग संघ की अध्यक्ष अर्चना त्यागी, महासचिव अनिल शर्मा ने इस अहम पुल पर यातायात बंद होने से लोगों को वैकल्पिक मार्गों से काफी दूरी तय करनी पड़ रही है। यह पुल पंजाब से हिमाचल प्रदेश उद्योगों की ओर जाने वाले उद्योगपतियों, नंगल, ऊना की ओर से आने वाले कर्मचारियों को सेवा प्रदान करता है। हिमाचल प्रदेश के उद्योगों और दोनों राज्यों के बड़े पैमाने पर आम जनता के लिए बसों, कारों और अन्य वाहनों यहां से होकर निकलते है लेकिन इस पुल की आज तक मरम्मत नहीं की गई है और न ही वर्तमान में कोई योजना बनाई गई है, जिसके कारण दोनों राज्यों के कर्मचारियों, श्रमिकों और जनता को भारी असुविधाओं का उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है।


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