शिवरात्रि मेले में लुच्ची  का लें जायका

By: Apr 1st, 2024 12:16 am

कार्यालय संवाददाता-मंडी
हिमाचल प्रदेश में तीज-त्योहार और मेलों का अलग-अलग महत्व है। प्रत्येक त्योहार व मेलों में कुछ ऐसे व्यजंन खाने को मिलते हैं, जो शायद वर्ष भर मिल पाना संभव नहीं होता। इन्हीं में से एक व्यंजन है मंडी की लुच्ची। हालांकि, लुच्ची हिमाचल प्रदेश या फिर मंडी जिला का कोई पारंपरिक व्यंजन नहीं है। लेकिन मंडी शिवरात्रि महोत्सव के दौरान लुच्ची को खासतौर पर बनाया जाता है। बताया जाता है कि इस रेसिपी को मंडी का राजपरिवार पश्चिम बंगाल से लेकर आया था। आज यह लुच्ची इतनी ज्यादा फेमस हो चुकी है कि लोग शिवरात्रि मेले में आकर इसका स्वाद चखना इसीलिए नहीं भूलते। क्योंकि लुच्ची को खाने का मौका पूरे वर्ष में नहीं मिलता है।

सिर्फ और सिर्फ शिवरात्रि के मेले में ही लुच्ची का जायका मिलता है। जिसके चलते मंडी शहर या शिवरात्रि मेला परिसर में सजी लुच्ची दुकानों पर ग्राहकों की खूब भीड़ है। लोग लुच्ची को खाने में खूब उत्साहित हैं। शिवरात्रि मेले में घूमने आए सरकाघाट के विनोद कुमार, देसराज, करसोग के जीवन लाल, मानदीप चंद, तरसेम, प्यार चंद, राहुल, रूप लाल सहित अन्य ने बताया कि वे जब भी मेले में आते हैं, तो लुच्ची जरूर खाते हैं। क्योंकि यह सिर्फ शिवरात्रि मेले में ही मिलती है। बताया जाता है कि लुच्ची का मंडी के पारंपरिक व्यंजनों से कोई नाता नहीं है, लेकिन आज यह लोगों के स्वाद की पसंद बन चुकी है। बंगाल में लुच्ची और हलवे को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। लेकिन मंडी में इसे नॉन वैज के साथ खाने का प्रचलन काफी बढ़ गया है। मंडी शिवरात्रि मेला परिसर के अलावा भूतनाथ गली, समखेतर, स्कूल बाजार, गांधी चौक के समीप, सहित कुछ स्थानों पर लुच्ची तैयार हो रही है।

एक महीने तक ऐसे बनती है लुच्ची
लुच्ची एक रोटी है, जो रुमाली रोटी की भांति होती है। इसे मैदे से बनाया जाता है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसे वनस्पति घी में तलकर बनाया जाता है। नरम और गरम लुच्ची को खाने में सबसे ज्यादा आनंद आता है। कारोबारियों का हर वर्ष शिवरात्रि मेले के दौरान अच्छा कारोबार होता है। मंडी का अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव अधिकारिक तौर पर सात दिवसीय होता है। लेकिन मेला लगभग एक माह तक चलता है। मेला मंडी शहर के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में सजा हुआ है। मेला परिसर में स्थित दुकानों में पूरा दिन लुच्ची खूब पक रही है। वहीं मंडी शहर में स्थित कुछ दुकानों पर भी लुच्ची शिवरात्रि महेात्सव से एक सप्ताह पहले बनना शुरु हो जाती है। कुल मिलकार शिवरात्रि महोत्सव में एक महीने तक लुच्ची बनती है।


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